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जानिए राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, सीएम अशोक गहलोत से मिलकर क्या संदेश दे रही है ?

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अखिलेश अखिल

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के साथ पूर्व सीएम वसुंधरा की मुलाकात और वायरल तस्वीर के राजनीतिक सन्देश चाहे जो भी हो लेकिन इतना तो साफ़ है कि बीजेपी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा हैं। वसुंधरा के साथ गहलोत और उनके दो कद्दावर नेताओं की तस्वीर बहुत कुछ कह रही है। बीजेपी के लोग इस तस्वीर पर अभी मौन है। मौन तो कांग्रेस वाले भी हैं लेकिन दोनों ही पार्टी के भीतर कई तरह की बातें कही जा रही है। बीजेपी के लोग कहते नजर आ रहे हैं कि अगर वसुंधरा राजे पाला बदलती है बीजेपी की हार निश्चित हैं ,वही कांग्रेस वाले बोल रहे हैं कि अभी इंतजार करने की जरूरत है। इस तरह की कई और तस्वीर सामने आ सकती है। वसुंधरा राजे अगर कांग्रेस के साथ आती हैं तो पार्टी को मजबूती मिलेगी। कह सकते हैं कि कांग्रेस के लोग जिस तरह के बयान दे रहे हैं इससे साफ़ लग रहा है भीतर ही भीतर बहुत कुछ होने की सम्भावना है।
           इन तस्वीरों को देख कर ऐसा लग रहा है कि जिस फोटो फ्रेम में वसुंधरा राजे ,अशोक गहलोत ,राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ भी दिखाई दे रहे हैं उसमे सभी के चेहरे पर मुस्कान है। किसी को कोई टेंशन नहीं है। हालांकि कांग्रेस दफ्तर के लोग अभी इस तस्वीर पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी के भीतर हलचल तो बढ़ ही गई है।
           इतना तो सभी जान रहे हैं कि बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे इन दिनों बीजेपी के शीर्ष नेताओं से काफी नाराज चल रहे हैं। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि वसुंधरा राजे इस चुनाव में भी बीजेपी का नेतृत्व करना चाहती है लेकिन बीजेपी का इसा नहीं चाहती। उधर बीजेपी के प्रदेश नेताओं की माने तो उनका कहना है कि पार्टी के भीतर कोई मतभेद है और वसुंधरा राजे कुछ निजी परेशानियों को लेकर इन दिनों पार्टी की गतिविधियों से दूर रही रही है। लेकिन यह बयान सिक्के का एक पहलू है। दूसरा पहलू है कि प्रदेश में इन दिनों बीजेपी की परिवर्तन यात्रा चल रही है और इस यात्रा से वसुंधरा राजे दूर रही है। वे लगभग दस दिनों से दिल्ली में थी और जैसे ही वसुंधरा जयपुर पहुंची इस तरह की तस्वीर सामने आये।
             कहा जा रहा है कि बीजेपी के भीतर जो भी चल रहा है उससे वसुंधरा नाराज है। वसुंधरा के समर्थक भी इन दिनों काफी मायूस हैं और आगे की प्लानिंग पर काम कर रहे हैं। जानकार कह रहे हैं कि अब अगर बीजेपी वसुंधरा को कोई काम भी देती है तो भी वसुंधरा की उसमे दिल चस्पी नहीं होगी। उन्होंने आगे की रणनीति पर भी काम करना शुरू कर दिया है। वह या तो अलग पार्टी भी बना सकती है और चुनावी मैदान में उतर सकती है या अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस के साथ भी जुड़ सकती है। लेकिन ये सभी कयास भर है। इस खेल को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं है।
                बता दें कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान के उद्घाटन के बाद बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। हालांकि, उन्‍होंने अशोक गहलोत के साथ मंच साझा नहीं किया है। लेकिन कार्यक्रम के बाद वसुंधरा ने गहलोत से अलग से मुलाकात की। इसी दौरान एक फोटो खींची गई, जिसमें वसुंधरा और गहलोत साथ बैठे नजर आ रहे हैं। वसुंधरा राजे पिछले दिनों भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा में शामिल नहीं हुई थीं। इस पर पहले ही कई सवाल उठाए जा चुके हैं। ऐसे में गहलोत से वसुंधरा की मुलाकात ने एक नई बहस छेड़ दी है।
                 बता दें कि वसुंधरा राजे की अपने क्षेत्र, हाडोती क्षेत्र, जिसमें कोटा, बूंदी और झालावाड़ शामिल हैं, में परिवर्तन यात्रा के अंतिम चरण में अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए। वसुंधरा राजे झालावाड़ से गायब थीं, जिस निर्वाचन क्षेत्र का उन्होंने पिछले 33 वर्षों से सांसद और विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व किया है। वह गुरुवार शाम को कोटा में समाप्त हुई परिवर्तन यात्रा से भी गायब थीं। इससे भाजपा में उनके भविष्य के बारे में अटकलें तेज हो गई हैं। अब इस परिवर्तन यात्रा की समाप्ति 25 तारीख को जयपुर में हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस दिन जयपुर पहुँचने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री इस दिन एक विशाल रैली को भी सम्बोधित करने वाले हैं। देखना ये है कि इस रैली में वसुंधरा शामिल होती हैं या नहीं। पीएम मोदी के साथ मंच साझा करती है या नहीं। अगर इस रैली में भी वसुंधर नहीं जाती है तो साफ़ है कि बीजेपी को भी अब उनकी कोई जरूरत नाह गई है और वसुंधरा फिर कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।

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