न्यूज़ डेस्क
बुधवार को भी दिन भर महिला आरक्षण पर संसद में चर्चा चलती रही। सबने अपनी बात कही। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के नेताओं ने कई तर्क दिए। महिला सांसदों ने कई मांगे भी रखी। विपक्षी महिला सांसदों की संयुक्त मांग तो यही थी कि आरक्षण में पिछड़ी जातियों को बी शामिल किया जाए। ओबीसी महिलाये भी इसका लाभ उठाये यह पेरावधान किया जाना चाहिए। लेकिन सरकार के अपने तर्क रहे। सरकार की तरफ से भी कई नेताओं ने बात की। बहस किये। लेकिन अंत में क्या होगा इसे देखने की बात है।
राहुल गांधी ने बी इस मसले पर अपनी राय रखी है। बहस में वे बी शामिल हुए। संसद में बोले भी। कांग्रेस सांसद ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक बहुत महत्वपूर्ण है। इस बिल को तुरंत ही लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे लागू करने के लिए नहीं बनाया गया, बल्कि इसे अदाणी मुद्दे और जाति जनगणना के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए लाया गया। राहुल गांधी लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस में बोलते हुए कहा कि मेरे विचार में एक बात है जो इस बिल को अधूरा बनाती है, मैं चाहता हूं कि इस बिल में ओबीसी आरक्षण को भी शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा कि भारत की महिलाओं को सत्ता हस्तांतरित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम था पंचायती राज, जहां उन्हें आरक्षण दिया गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। हर कोई इस बात का समर्थन करेगा कि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है।
राहुल गाँधी ने कहा कि महिलाओं ने आजादी के आंदोलन में भी भाग लिया, लेकिन मेरे हिसाब से यह बिल अधूरा है, क्योंकि इसमें ओबीसी आरक्षण की बात नहीं है। इसमें दो बात नहीं है, पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा। मेरी नजर में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33% आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए।