अखिलेश अखिल
कोलकाता में इस बार समाजवादी पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक के बाद उसके चुनावी समीकरण बदल से गए हैं। यादव मुस्लिम समीकरण को और ज्यादा मजबूत करने के लिए सपा ने अब दलित वोट पर भी नजर टीका दिया है। इस नए समीकरण में यादव मुस्लिम के साथ ही जाटव और पासी समाज को जोड़ने की रणनीति है। अखिलेश यादव को लग रहा है कि अगर जाटव और पासी समाज का कुछ वोट बैंक भी उसके साथ जुड़ता है तो आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सपा भारी शिकस्त दे सकती है।
रणनीति के तहत जाटव समाज के बड़े नेता रामजीलाल सुमन को लेकर अखिलेश यादव अब हर जगह जा रहे है। कोलकाता अधिवेशन में भी सुमन की बड़ी भूमिका रही। सुमन का जाटव समाज पर पकड़ है और इस समाज के लोग सुमन पर काफी यकीन भी करते है। यूपी में जाटव का वोट बैंक करीब 12 फीसदी के आसपास है। यह समाज अभी तक मायावती के साथ जुड़ा रहा और मायावती की राजनीति में इस समाज का बड़ा योगदान भी रहा है। लेकिन जिस तरह से पिछले चुनाव में मायावती से जाटव समाज का मोह भंग हुआ है उसके बाद सपा किसी भी सूरत में जाटव समाज को अपने पाले में लाने की तैयारी कर रही है ।सुमन को इसकी जिम्मेदारी भी दी गई है ।
सपा के साथ दूसरे बड़े नेता अवधेश प्रसाद जुड़े हुए हैं। प्रसाद पड़ी समाज से आए है और पासी समाज में इनकी काफी पकड़ है। प्रसाद हमेशा अब अखिलेश यादव के साथ ही लगे रहते हैं । यूपी में पड़ी समाज का वोट बैंक करीब दो फीसदी है ।और यह समाज भी मायावती के साथ ही अब तक जुड़ा रहा है। सपा दलित समाज को अपने साथ जोड़कर बीजेपी को हराने की जो नई रणनीति बना रहे है उसमे दलित समाज की बड़ी भूमिका हो सकती है।
कोलकाता अधिवेशन में मैनपुरी मॉडल की खूब चर्चा भी हुई ।मैनपुरी उपचुनाव में सपा को भारी जीत हुई थी ।इस जीत में दलित वोट की कही अहम भूमिका भी रही ।मैनपुरी के साथ ही खतौली चुनाव में भी दलित ने सपा गठबंधन का साथ दिया था ।खतौली में जाटव समाज ने गठबंधन को वोट दिया और अखिलेश यादव की सराहना भी की ।
आगामी लोकसभा चुनाव में अखिलेश की योजना यूपी की 50 सीटों पर जीत दर्ज करने की है ।सपा इसी वजह से कांग्रेस या किसी और पार्टी से अभी गठबंधन करने को तैयार नहीं है ।यूपी में वह अपने सहयोगी रालोद के साथ मिलकर ही चुनाव लडेगी ।सपा की पूरी रणनीति किसी भी सूरत में बीजेपी को हराने की है ।अखिलेश को लग रहा है कि विपक्षी एकता के तहत सीटो का बंटवारा होगा और फिर उसका मिशन फेल हो सकता है ।कोलकाता में ममता के साथ हुई मुलाकात में भी इस पर चर्चा की गई और ममता ने भी अखिलेश को बताया कि अगर सपा 50 सीट तक जीत हासिल करती है तो देश का मिजाज ही बदल जाएगा एयर बीजेपी फिर कही नही टिक पाएगी ।सपा के साथ दलित वोट बैंक का जुड़ाव बड़े इस काम में शिवपाल यादव बड़े स्तर पर काम कर भी रहे है ।शिवपाल यादव लगातार दलित नेताओं को साध रहे हैं और खासकर रामजीलाल सुमन और अवधेश प्रसाद के साथ प्रदेश में बैठके भी कर रहे हैं ।
अभी तक सपा एम वाय समीकरण को साधकर ही चुनाव में जाति थी ।लेकिन अब वह दलित वोट पर काफी फोकस कर रही है । प्रदेश में 12 फीसदी जाटव वोट हैं जबकि दो फीसदी पड़ी वोट है ।इसके अलावा करीब दो फीसदी अन्य दलित वोट भी हैं ।सपा को लग रहा है कि जिस तरह से 2022 के चुनाव में बसपा का वोट प्रतिशत घटकर करीब 12 फीसदी हुआ इसका लाभ उसे लोकसभा चुनाव में हो सकता है । सपा का यह खेल सफल हुआ तो बीजेपी की परेशानी बढ़ेगी ।उसका विजय रथ रुक सकता है और किसी भी सूरत में बीजेपी के रथ को रोकने में कोई कसर छोड़ने को तैयार नहीं है ।