इजराइल के साथ जारी मौजूदा तनाव के बीच ईरान ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को चेतावनी दी है।ईरान ने साफ-साफ कह दिया है कि इजराइल के खिलाफ कार्रवाई को रोकने की कोशिश न करें, नहीं तो उसके अंजाम ठीक नहीं होंगे।
ईरान ने साफ-साफ कह दिया है कि अगर इजराइल पर ईरानी हमले को अमेरिका, ब्रिटेन या फ्रांस रोकने की कोशिश करते हैं, तो उनके सैन्य ठिकाने और जहाजें निशाने पर होंगे। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकल्प जताया है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने तक हमले जारी रहेंगे।इधर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार ब्रिटेन ने साफ कह दिया है कि उसने न तो इजराइली हमले में मदद की है और न ही ईरानी ड्रोन को मार गिराने में कोई भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू के आधिकारिक एक्स पर बताया गया है कि उन्होंने कल रात से ही जर्मन चांसलर, भारतीय प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति सहित विश्व नेताओं से बातचीत की है। वे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री से भी बात करेंगे।
इजराइल द्वारा ईरान पर बमबारी जारी रखने का संकल्प जताए जाने के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ईरान से आग्रह किया कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के लिए शीघ्र समझौता करे।ट्रंप ने पश्चिम एशिया में इस नाजुक क्षण को ईरान के नेतृत्व के लिए एक संभावित दूसरे अवसर के रूप में प्रस्तुत किया ताकि और अधिक तबाही से बचा जा सके। राष्ट्रपति ट्रंप ने इजराइल के विनाशकारी हमलों के बाद आगे की कठिन राह पर चर्चा करने के लिए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक की। व्हाइट हाउस ने कहा कि इन हमलों में उसकी कोई संलिप्तता नहीं है। हालांकि, ट्रंप ने कहा कि इजराइल ने अमेरिका द्वारा उपलब्ध कराए गए विशाल हथियार भंडार का उपयोग ईरान के नातांज स्थित मुख्य परमाणु संवर्धन केन्द्र, देश के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाने के लिए किया। ट्रंप ने सोशल मंच ‘ट्रुथ’ पर कहा कि उन्होंने ईरान के नेताओं को चेतावनी दी थी कि यह उससे भी कहीं अधिक बुरा होगा, जो वे सोचते हैं, अनुमान लगाते हैं, या उन्हें बताया गया है।