हरियाणा में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है।पूरण पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे आईओ संदीप लाठर ने भी आत्महत्या कर ली है।आत्महत्या के बाद उनका एक फाइनल नोट बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने दिवंगत आईपीएस अधिकारी पूरण पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
लाठर ने लिखा कि पूरण जातिवाद करते थे।उन्होंने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। महिला पुलिसकर्मियों का भी ट्रांसफर के नाम पर यौन शोषण हुआ।इनकी सीडीआर चेक करोगे तो कन्फर्म हो जाएगा कि मेरी बातों में सच्चाई है
उन्होंने लिखा कि पूरण की करप्शन की जड़ें बहुत गहरी हैं।इनके खिलाफ जो शिकायत हुई थी, उसी से डरकर सुसाइड किया था।अपने परिवार को बचाने के लिए सुसाइड किया है। लाठर के फाइनल नोट में लिखा है कि कि पूरण की पत्नी अमनीत पी कुमार को भी डर है कि कहीं उनका भी भांडाफोड़ हो जाए।
लाठर ने लिखा कि इनको इस बात का लाइसेंस नहीं मिला है कि जाति का नाम लेंगे और करप्शन करेंगे। अपनी इस बात पर मैं आहूति दे रहा हूं।मैं ईमानदार आदमी हूं। मैं भगत सिंह का फैन हूं, मैं डरूंगा नहीं किसी बात परॉ पब्लिक को जगाने के लिए, देश को जगाने के लिए यह सुसाइड जरूरी था।ये जातिगत रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
संदीप ने वाई पूरण के साथ तैनात सुशील कुमार को गिरफ्तार किया था और मामले की आगे की जांच कर रहे थे।उन्होंने लिखा है कि एक व्यापारी आदमी ने जुर्म के खिलाफ बोलने का साहस किया, उसे दबाया जा रहा है।मैं ऐसा नहीं होने दूंगा, इन्होंने गलत किया था, इसका फल इनको मिलेगा।
लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे। उन्होंने सुसाइड करने वाले हरियाणा के आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और इस मामले की जांच कर रहे आत्महत्या करनेवाले आईओ की राय के विपरीत इस मामले को दलित मुद्दे से जोड़ दिया।मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बाहर आकर मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं केंद्र और हरियाणा सरकार से कहना चाहता हूं कि एक्शन लीजिए, अफसर पर कार्रवाई कीजिए और परिवार पर जो दबाव है, उसे हटाइए। क्या कार्रवाई होनी चाहिए, इस सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ऐसे आरोपी अफसरों को गिरफ्तारी होनी चाहिए। पीड़ित परिवार से हुईं बातों और उनकी मांगों पर राहुल गांधी ने कहा, उनका अपमान किया गया। उनका करियर खत्म किया गया और अब उनके परिवार का सम्मान जल्द से जल्द वापस किया जाए। परिवार की ये मांगें एकदम जायज हैं। ये सिर्फ एक परिवार की बात नहीं है, पूरे दलित समाज से जुड़ा मुद्दा है।