न्यूज़ डेस्क
इसमें कोई शक नहीं कि मौजूदा समय में बीजेपी से या एनडीए की राजनीति से कही आगे निकल चुका है इंडिया गठबंधन। चुनावी परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन चुनावी रणनीति से लेकर चुनावी भीड़ को इंडिया गठबंधन बीजेपी को मात दे रहा है। यह बीजेपी की सबसे बड़ी परेशानी है। बीजेपी की यही मुश्किल बता रही है कि अगर इस बार बीजेपी कहीं भी कमजोर पड़ गई तो खेल खराब हो सकता है। उत्तर भारत से दक्षिण भारत और पूरब भारत से पश्चिम भारत को आप देख सकते हैं। हर जगह बीजेपी के भीतर खलबली मची हुई है। हालिया बिहार और महाराष्ट्र की घटाएँ गठबंधन को भी परेशानी में डाल सकती है तो सत्तारूढ़ पार्टी को भी /बीजेपी बिहार में जरद के जरिये गठबंधन पर लगाम कसने को तैयार है तो हालात महाराष्ट्र में बीजेपी की मिली जुली सरकार को तबाह करने के लिए काफी है।
तबाही तो दोनों तरफ है। महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार भी जा सकती है लेकिन बड़ी तबाही इंडिया गठबंधन वालों की है। सभी राज्यों के विपक्षी नेताओं पर तरह -तरह के केस दर्ज है। हर दाल के नेता कोर्ट कचहरी दौर रहे हैं। कब किसकी गिरफ्तारी हो जाए यह कोई नहीं जानता। बीजेपी की सरकार चाहती भी यह है। इस तरह के खेल से बीजेपी को दो लाभ है। एक तो जिस पार्टी के नेता जांच के दायरे में हैं और जेल सकते हैं उनके बारे में बीजेपी लोगों के सामने बाहत कुछ कह सकने की स्थिति में है। यह परसेप्शन बनाने की कोशिश होगी कि दागदार लोगों की जांच सरकार कर रही है और दागदार लोग जेल भेज दिए गए हैं। दूसरी बात यह है कि अधिकतर पार्टी ऐसे कथित दागदार नेताओं को बचाने में ही परेशान होगी।
कांग्रेस सहित विपक्ष की ज्यादातर पार्टियों के नेताओं के ऊपर किसी न किसी तरह का मुकदमा पहले चल रहा है या नया मुकदमा दायर किया जा रहा है। बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश और बंगाल, झारखंड लेकर आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु तक तमाम बड़े विपक्षी नेता अदालतों और एजेंसियों के चक्कर लगा रहे हैं या लगाने वाले हैं।
अभी के समय में भाजपा के लिए सबसे मुश्किल प्रदेश बिहार है और इसलिए एजेंसियों की सबसे ज्यादा सक्रियता बिहार में है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के ऊपर जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिल गई है। चार अक्टूबर को दिल्ली के राउज एवेन्यू की अदालत ने लालू प्रसाद के पूरे परिवार को हाजिर होने का समन जारी किया है। तेजस्वी पहले कह भी चुके हैं कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। उधर चारा घोटाले में लालू प्रसाद को मिली जमानत रद्द कराने के लिए सीबीआई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची है। लालू प्रसाद के परिवार की मुश्किल यही खत्म नहीं हो रही है। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ गुजरात में मानहानि का मुकदमा चल रहा है, जिसमें 15 अक्टूबर को उनको हाजिर होने के लिए कहा गया है।
बिहार के बाद दूसरा मुश्किल राज्य झारखंड है, जहां 14 में से 12 लोकसभा सीटें भाजपा ने जीती है। वहां केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई में जेएमएम और कांग्रेस दोनों के नेता फंसे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने चार बार समन जारी किया है। हालांकि इन चारों समन के जवाब में वे ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए। वे सुप्रीम कोर्ट राहत के लिए पहुंचे थे लेकिन सर्वोच्च अदालत ने उनको हाई कोर्ट जाने के लिए कहा। उन्होंने ईडी के समन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इससे कुछ ही दिन पहले ईडी ने कांग्रेस के बड़े नेता और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री रामेश्वर उरांव से जुड़े कई परिसरों पर छापा मारा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी को पिछले दिनों हाई कोर्ट से थोड़ी राहत मिली, जब उच्च अदालत ने ईडी को उनकी गिरफ्तारी नहीं करने का आदेश दिया। लेकिन यह राहत बहुत ज्यादा दिन रहेगी, इसकी संभावना कम है। उधर तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ देश के कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी उनके खिलाफ एफआईआर के लिए याचिका दी गई है। लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई के खिलाफ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी ने मानहानि का 10 करोड़ रुपए का मुकदमा दर्ज कराया है।
