न्यूज़ डेस्क
11 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर कपिल सिब्बल द्वारा स्थापित मंच ‘इन्साफ के सिपाहियों ‘का जुटान होने जा रहा है। सिब्बल द्वारा कि यह जुटान संविधान को बचाने और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने को लेकर होगा। इस जुटान में गैर बीजेपी शासित मुख्यमंत्रियों को खासकर आमंत्रित किया गया है। कई मुख्यमंत्री इस जुटान में शामिल भी होंगे। लेकिन जानकार यह भी कह रहे हैं कि ”इन्साफ ” का यह खेल अन्ना आंदोलन की तरह ही हो सकता है। अन्ना आंदोलन ने यूपीए सरकार को गिराया था ,अब इन्साफ की यह लड़ाई मोदी सरकार पर हमला के लिए है। साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर अभी से विपक्ष की तगड़ी तैयारी चल रही है। एक तरफ कांग्रेस का कहना है कि वह तमाम विपक्षी नेताओं के मिशन 2024 का नेतृत्व करने जा रही है। वहीं, अब राज्यसभा सांसद राज्य सभा कपिल सिब्बल ने भी इसे लेकर नए मंच का एलान कर दिया है। उन्होंने अपने इस मंच का नाम ‘इंसाफ’ रखा है।
कपिल सिब्बल का कहना है कि वह इस 11 मार्च को इस मंच के जरिये जंतर मंतर पर अपना एजेंडा रखेंगे। उन्होंने इस दौरान विपक्ष के तमाम नेताओं से इसमें जुड़ने के लिए कहा. उनकी अपील है कि इसमें आम लोग, वकील, विपक्षी नेता, मुख्यमंत्री और तमाम नेता उनका साथ दें, ताकि इस गुलामी को खत्म किया जा सके।
पिछले शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिब्बल ने कहा कि वह आगमी 11 मार्च को जंतर-मंतर पर एक मुहिम की शुरुआत के तहत न्यू विजन ऑफ इंडिया पेश करेंगे। सिब्बल ने कहा कि वह पहल के सबसे आगे वकीलों के साथ अन्याय के खिलाफ लड़ाई में लोगों की मदद करने के लिए “इंसाफ” और एक वेबसाइट ‘इंसाफ के सिपाही’ लॉन्च कर रहे हैं।
सिब्बल ने कहा कि यह विपक्षी नेताओं और आम लोगों सहित सभी के लिए कार्यक्रम में शामिल होने का खुला निमंत्रण है। उन्होंने अपनी पहल के लिए विपक्षी मुख्यमंत्रियों और नेताओं का समर्थन मांगा है।

