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चीन सीमा पर बन रही अदृश्य सड़क, देख भी नहीं पाएगा ड्रैगन और पहुंचेंगे भारतीय सैनिक

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बीरेंद्र कुमार झा

भारत चीन के साथ विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC ) के पास अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए भारत के द्वारा एक अदृश्य सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस सड़क की खास बात यह है कि यह चीनी सेना के लिए अभेद्य होगा। इस सड़क के जरिए अग्रिम पंक्ति को मजबूत करने के लिए सैनिकों हथियारों और रशद की आवाजाही की जा सकेगी। इस खास योजना की कड़ी में भारत एलएसी स्थित अपने सबसे उत्तरी सैन्य अड्डे दौलत बाग गोल्डी तक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना पूरा करने के करीब है।

निर्बाध रूप से होगी सैनिक ,सैन्य उपकरण और रशद की आपूर्ति

दारबुक से डीबीओ की मौजूदा सड़क एलएसी के निकट होने के कारण बहुत्व अधिक असुरक्षित है, जबकि तैयार की जाने वाली नई सड़क नुब्रा घाटी में ससोमा से निकलती है। इस अदृश्य सड़क के जरिए सेना और उपकरणों की आवाजाही आसानी से की जा सकेगी।

चुनौती के बावजूद तेजी से ही रहा निर्माण कार्य

हालांकि 130 किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण में कई चुनौतियां शामिल है। दुर्गम स्थिति होने के कारण अनुभवी इंजीनियरों के लिए भी इसे तैयार करना कठिन होगा। सीमा सुरक्षा संगठन( BRO)इस महत्वाकांक्षी परियोजना का नेतृत्व कर रहा है।जिसके लिए श्योक नदी पर पुल बनाने और हिमाच्छादित क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता पड़ेगी। इन चुनौतियों के बावजूद अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए यह सड़क नवंबर 2023 तक चालू हो जाएगी। वहीं 12 महीना के भीतर इसके पूरी तरह से ब्लैकटॉपिक किए जाने की उम्मीद है।

अत्याधुनिक तकनीक का ही रहा प्रयोग

एक अन्य अधिकारी के अनुसार परियोजना को समय सीमा में पूरा करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसमें इन कठिन इलाकों में सड़क की सतहों को स्थिर करने के लिए त्रिआयामी जिओ सेल्स और विस्तार योग्य पैनल का उपयोग शामिल है। इस बीच बीआरओ ने 2028 तक हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए सासेर ला के नीचे 7 किलोमीटर लंबी सुरंग की योजना भी तैयार की है।

3 वर्ष में रिकार्ड 300 योजनाएं पूर्ण

पिछले 3 सालों में बीआरओ ने लगभग 8000 करोड रुपए की लागत वाली लगभग 300 महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की है। इसमें नींबू – पदम – दराचा,चुशुल्य – डूंगती – फुकचे – डेमचोक जैसे महत्वपूर्ण सड़क नेटवर्क शामिल है। हालांकि सीमा तनाव को हल करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर भारत और चीन के बीच बातचीत भी जारी है।

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