न्यूज डेस्क
भारत रूस से लगातार भरपूर मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है। कच्चा तेल आयात के मामले में अब खाड़ी के देश पीछे छूट गए हैं। दरअसल, भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात फरवरी में बढ़कर रिकॉर्ड 16 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है जो उसके परंपरागत आयातक इराक और सऊदी अरब के कुल तेल आयात से भी ज्यादा है।
कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकता बना रूस
तेल के आयात-निर्यात पर नजर रखने वाली संस्था वर्टेक्सा के मुताबिक भारत जितनी मात्रा में तेल आयात करता है, उसकी एक तिहाई से अधिक आपूर्ति अकेले रूस ने की है और वह लगातार पांचवे महीने भारत को कच्चे तेल का इकलौता सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।
सऊदी अरब और अमेरिका को बड़ा झटका!
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने से पहले तक भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम होती थी। हालांकि पिछले महीने फरवरी में यह 35 प्रतिशत बढ़कर 16.20 लाख बैरल प्रतिदिन हो गई। रूस से भारत का आयात बढ़ने का असर सऊदी अरब और अमेरिका से होने वाले तेल आयात पर पड़ा है।
सऊदी अरब से घटा 16 प्रतिशत मासिक आयात
सऊदी अरब से आयात किया जाने वाला तेल मासिक आधार पर 16 प्रतिशत घट गया जबकि अमेरिका से होने वाले तेल आयात में 38 प्रतिशत की कमी आई है। इराक ने फरवरी में 9,39,921 बैरल प्रतिदिन तेल की आपूर्ति की जबकि सऊदी अरब ने 6,47,813 बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति की। यह बीते 16 महीनों में इराक और सऊदी अरब से हुई सबसे कम आपूर्ति है।
फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात ने भारत को 4,04,570 बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति कर अमेरिका को पीछे छोड़ दिया। अमेरिका ने 2,48,430 बैरल तेल प्रतिदिन की आपूर्ति की जो जनवरी की आपूर्ति 3,99,914 बैरल प्रतिदिन से कम है।