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लगातार बढ़ रहा पॉल्यूशन तो हो जाएं अलर्ट, वरना बच्चों और बुजुर्गों को हो जाएगा कैंसर

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आज शहरों में हवा की खराब क्वालिटी सबसे बड़ी हेल्थ परेशानियों में शामिल हो चुकी है।जब भी AQI बढ़ता है, बच्चों और बुजुर्गों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है। लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते कि गंदी हवा सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि लंबे समय में कैंसर का खतरा भी बढ़ा देती है। खासतौर पर बच्चे और बुजुर्ग, जिनके शरीर प्रदूषण के असर को ज्यादा तेजी से झेलते हैं।

डॉ. तजिंदर कातारिया, चेयरपर्सन, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, मेदांता ने TOI में लिखे एक लेख में बताया कि बच्चे बड़ों की तुलना में तेज सांस लेते हैं, इसलिए कम समय में ज्यादा प्रदूषित हवा उनके शरीर में जाती है। उनके फेफड़े, इम्यून सिस्टम और शरीर के बाकी अंग अभी विकसित हो रहे होते हैं। ऐसे में PM2.5 और PM10 जैसे कण उनके अंदर ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं और ये असर कई सालों तक रह सकता है। बेन्जीन, फॉर्मल्डिहाइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और PAH जैसे जहरीले तत्व सेल्स की ग्रोथ रोकते हैं।लगातार संपर्क में रहने से DNA को नुकसान, इम्यूनिटी में गिरावट और शरीर में सूजन बढ़ने लगती है। ये बदलाव आगे चलकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का रास्ता आसान कर देते हैं। बच्चे ज्यादातर समय बाहर खेलते या स्कूल जाते हैं, इसलिए वे ज्यादा एक्सपोजर में आते हैं।उनका शरीर छोटा होता है, इसलिए एक ही मात्रा का प्रदूषण उन पर ज्यादा असर डालता है।

उम्र बढ़ने के साथ फेफड़ों की क्षमता कम होने लगती है। ऐसे में प्रदूषण के कणों को फिल्टर करना मुश्किल हो जाता है। ऊपर से, कई बुजुर्गों को पहले से ही अस्थमा, COPD, डायबिटीज या दिल से जुड़ी समस्याएं होती हैं।AQI बढ़ने पर ये समस्याएं और गंभीर हो जाती हैं।लंबे समय तक चलने वाली सूजन सेल्स की ग्रोथ को बिगाड़ देती है, जो आगे चलकर कैंसर में बदल सकती है। बुजुर्गों में सेल्स के ठीक होने की गति भी धीमी होती है, इसलिए DNA को हुआ नुकसान जल्दी रिपेयर नहीं हो पाता। इससे शरीर में ऐसे बदलाव शुरू हो जाते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।

जब AQI खराब होता है, बेहद छोटे कण सांस के जरिए शरीर में घुस जाते हैं। इनमें से कई इतने सूक्ष्म होते हैं कि खून में जाकर दिमाग, लीवर और किडनी तक पहुंच जाते हैं।अंदर पहुंचकर ये-

DNA को नुकसान पहुंचाते हैं
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ाते हैं
शरीर में लगातार सूजन पैदा करते हैं
हार्मोनल संतुलन बिगाड़ते हैं
इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं
इन सभी बदलावों के चलते कैंसर का खतरा धीरे-धीरे बढ़ जाता है एक दिन की खराब हवा से नुकसान नहीं होता, लेकिन महीनों सालों तक इसमें रहने से रिस्क कई गुना बढ़ जाता है।

रोज AQI जरूर चेक करें। खराब हवा में बच्चों व बुजुर्गों को बाहर जाने से बचाएं.
जरूरत पड़े तो N95 मास्क पहनें

घर की खिड़कियां बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
एंटीऑक्सीडेंट वाले खाद्य पदार्थ खाना बढ़ाएं।
बुजुर्गों के लिए नियमित हेल्थ चेकअप जरूर कराएं।
बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाना कोई विकल्प नहीं, बल्कि आज की सबसे बड़ी जरूरत है। छोटी-छोटी सावधानियां उनके स्वास्थ्य को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकती हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम कर सकती हैं।

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