अयोध्या के राम मंदिर में श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया मंगलवार से ही प्रारंभ हो गई है,जो 22 जनवरी तक चलेगा।प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के पहले दिन यजमान के रूप में श्री राम जन्मभूमि के तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने धर्मपत्नी के साथ सांगोपांग सर्व प्रायश्चित किया तथा सरयू नदी में स्नान किया।इसके बाद विष्णु पूजन करके पंचगांव एवं घी से पंचगव्यप्रासशन और द्वादशाब्द पक्ष से प्रायश्चित स्वरूप गोदान किया।इसके बाद दसदान के पश्चात मूर्ति निर्माण स्थान पर कर्मकुटी हवन किया गया । हवन के समय आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित जी स्वयं उपस्थित रहे। मंडप में बाल्मीकि रामायण और भूषुण्डी रामायण का पारायण आरंभ हो चुका है। वहीं बुधवार को मंदिर परिषर में श्री रामलला की मूर्ति को प्रवेश कराया जाएगा।इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाएगी।
रामलला की मूर्ति का प्रसाद परिसर में होगा भ्रमण
बुधवार को दोपहर 1:20 के बाद जलयात्रा, तीर्थ पूजन, ब्राह्मण- बटुक- कुमारी- सुवासिनी पूजन, वर्धनि पूजन, कलश यात्रा व भगवान श्री रामलला की मूर्ति का प्रसाद परिसर में भ्रमण होगा। इसके बाद मूर्ति को राम मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा इसके बाद हर दिन एक अधिवासिक अनुष्ठान होगा। इन सभी अधिवासों की समाप्ति के बाद 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गर्भगृह में अपने हाथ से कुश और शलाका खींचेंगे।उसके बाद रामलला के प्राण प्रतिष्ठित हो जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, श्री राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, मोहन भागवत और डॉक्टर अनिल मिश्रा पत्नी के साथ गर्भगृह में उपस्थित रहेंगे।