लखनऊ (बीरेंद्र कुमार): मुलायम सिंह यादव के समय सपा में शिवपाल यादव की हैसियत न.2 का हुआ करता था, लेकिन जब अखिलेश ने इसपर अपना कब्जा जमा लिया तो फिर पहले मुलायम सिंह यादव का पत्ता कटा और फिर शिवपाल यादव को भी उनकी हसियत बताना बताना शुरू कर दिया। चाचा शिवपाल और भतीजा अखिलेश के बीच कटुता इतनी बढ़ गई कि शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी नाम की अपनी एक पार्टी ही तैयार कर ली। पार्टी के अलग होने के बावजूद दोनों की खुन्नश खत्म नहीं हुई। एक दूसरे से अदावत करते हुए दोनों की स्थिति उत्तर प्रदेश में खराब होती चली गई,लेकिन फिर भी दोनो अड़े हुए थे। लेकिन मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में कुछ ऐसा हुआ की मंच पर ही भतीजा अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल के पैर छुए तो चाचा शिवपाल ने अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को जीत आशीर्वाद दिया।
चाचा शिवपाल ने खोले मैनपुरी लोकसभा चुनाव में एक होने का राज
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख चाचा शिवपाल यादव और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच का छत्तीस का आंकड़ा कैसे खत्म हुआ और कैसे ये सब मिलकर अखिलेश यादव की पत्नी और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को जिताने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने लगे, इस बात का खुलाशा शिवपाल यादव ने एक सभा के बाद मीडिया के साथ हो रही बातचीत के दौरान किया। उन्होंने कहा कि‘अब जब उनकी बहू चुनाव लड़ रही है तो हम सब लोग भी एक हो गए हैं। हमने अखिलेश से भी कह दिया है, अब हम लोग एक ही रहेंगे। डिंपल ने कहा था अब एक ही साथ रहना है, तो हमने भी डिंपल से कह दिया अगर अखिलेश कुछ गड़बड़ करें तो तुम हमारी गवाह रहना।
अखिलेश यादव के साथ आने की बात पर शिवपाल यादव ने कहा कि सभी लोग कहते थे कि एक हो जाओ तो अब हम लोग एक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बहू डिंपल ने मुझे टेलीफोन किया था। बोली चाचा हम चुनाव लड़ेंगे,आप आ जाओ। शिवपाल ने कहा कि बहुत साल अलग रह लिए हम लोग। हम तो अब एक-दो चुनाव और लड़ेंगे, फिर तो लड़के ही चुनाव लड़ेंगे। शिवापल ने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव के न रहने से इस चुनाव में हमारी प्रतिष्ठा का भी सवाल है।
शिवपाल ने इस मौके पर सभी लोगों से हाथ जोड़कर डिंपल यादव के पक्ष में मतदान करने की अपील की ताकि बीजेपी के उम्मीदवार रघुराज शाक्य जो पहले समाजवादी पार्टी में ही थे को हराकर सबक सिखाने के साथ अपने इस प्रतिष्ठित सीट को अपने कब्जे में कर सकें।