विकास कुमार
मुंबई में मानसून ने दस्तक दे दी है। एक तरफ जहां बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत तो मिली है। वहीं दूसरी तरफ जलजमाव होने से लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। बारिश से बेहाल मुंबई का जायजा लेने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद सड़कों पर उतरे थे। हालांकि इस बार उनके दिए एक बयान से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। सीएम एकनाथ शिंदे की मुंबई यात्रा की अब ठाकरे ने कड़े शब्दों में आलोचना की है। तीन दिन पहले मुंबई में एक घंटे में 70 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इस बारिश के कारण मिलान सबवे, अंधेरी सहित कुछ इलाकों में पानी भर गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सोमवार को मिलान सबवे का निरीक्षण करने पहुंचे।
वहीं उद्धव गुट ने आरोप लगाया कि पहली बारिश ने मुंबई की फसल उड़ा दी और शिंदे सरकार के सारे दावे धो दिए। मुंबईकरों को डर है कि अगले दो-तीन महीने तक आसमानी उलझन में उनकी सांसें घुट जाएंगी। हालांकि यह सच है कि शनिवार रात मुंबई में एक घंटे में 70 मिलीमीटर बारिश हुई। लेकिन नालों की सफाई के सरकारी दावे खोखले निकले। शिंदे-फडणवीस सरकार ने वादा किया था कि पानी ओवरफ्लो नहीं होगा और मुंबईकरों को परेशानी नहीं होगी। लेकिन सरकार के ये वादे झूठे थे।
ठाकरे गुट ने सीएम एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए पूछा कि पहली बारिश में ही मुंबई में ये स्थिति हो गई है तो अगले दो-तीन महीनों में हमारा क्या हाल होगा? शिंदे-फडणवीस सरकार को ये सोचना चाहिए कि लोगों को 24 घंटे में 12 सौ से अधिक शिकायतें क्यों दर्ज करानी पड़ी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि जहां पानी ओवरफ्लो हुआ है, वहां के अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे। और जहां ओवरफ्लो नहीं होगा, वहां के अधिकारियों को हम सम्मानित करेंगे।अब देखना ये होगा कि दोषी अधिकारियों पर सरकार क्या कार्रवाई करती है।