न्यूज़ डेस्क
गाजा में शांति लौटे और इजराइल -हमास के बीच युद्ध रुक जाए इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में युद्ध विराम के लिए पेश किया गया प्रस्ताव पारित हो गया है। भारत समेत 153 देशों ने जहां युद्ध विराम का समर्थन किया है वही अमेरिका समेत दस देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध किय है।23 देश अनुपस्थित रहे। युद्धविराम प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाले देशों अमेरिका, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, ग्वाटेमाला, इस्राइल, लाइबेरिया, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी और परागुआ शामिल हैं
बता दें कि पहले, मिस्र के राजदूत अब्देल खालेक महमूद ने गाजा में युद्ध विराम के लिए यूएन महासभा में प्रस्ताव पेश किया। मिस्र ने अपने प्रस्ताव में पिछले सप्ताह सुरक्षा परिषद में युद्ध विराम के आह्वान पर अमेरिका के वीटो की निंदा की। महमूद ने कहा कि युद्धविराम के आह्वान में यह प्रस्ताव बहुत स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह मानवीय आधार पर युद्धविराम मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का गलत उपयोग किया गया था, जबकि इसे 100 से अधिक सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत ने यूएन महासभा द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है। उन्होंने कहा कि महासभा में जिस स्थिति पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, उसके कई आयाम हैं। सात अक्टूबर को इस्राइल पर आतंकवादी हमला हुआ और कई लोगों को बंधक बनाया गया, जो चिंता की बात है। उन्होंने आगे कहा कि गाजा में बहुत बड़ा मानवीय संकट पैदा हुआ है। बड़े पैमाने पर नागरिकों की जानें गई हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। सभी परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का मुद्दा है। साथ ही लंबे समय से चले आ रहे फलस्तीन मसले का एक शांतिपूर्ण और स्थायी दो-राज्य समाधान खोजने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में क्षेत्र के सामने मौजूद कई चुनौतियों के समाधान के लिए साझा प्रयास में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकता का स्वागत करता है।
यूएन में इस्राइली राजदूत गिलाद अर्दान ने कहा कि गाजा में युद्ध विराम हमास के आतंकवादी एजेंडे को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा है कि युद्ध रोकने से केवल हमास को फायदा होगा। आतंकवाद के शासन को जारी रखने और अपने शैतानी एजेंडे को साकार करने में कोई हमास की सहायता क्यों करना चाहेगा?
महमूद ने कहा कि इस्राइली सेना के फिलिस्तीनियों पर बर्बर हमले और नागरिकों की हत्या को रोकने के लिए युद्ध विराम ही एकमात्र तरीका है। इस्राइल के हमले से असहनीय मानवीय पीड़ा हुई है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है। यूएनजीए अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि गाजा में हिंसा रुकनी चाहिए। फ्रांसिस ने कहा कि गाजा में नागरिकों पर हमले हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून दोनों का गंभीर उल्लंघन हुआ है। गाजा में हजारों लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। फ्रांसिस ने गाजा में तत्काल युद्ध विराम के लिए समर्थन जताया।

