पिछले 20 अगस्त 2024 से पूरे बिहार में भूमि सर्वे का काम चल रहा है, लेकिन कई लोगों को जमीन के कागजात या नापी सहित कई समस्याओं को लेकर कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जमीन संबंधी अन्य सभी मामलों में भी लोगों को अंचल कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आम लोगों की समस्या का निदान करने के लिए बड़ी राहत दी है। विभाग ने लोगों की समस्या को देखते हुए हेल्पलाइन सेंटर की शुरुआत की है।
इस टोल-फ्री कॉल सेंटर (18003456215) के माध्यम से अब राज्य के लोगों को को भूमि संबंधी दस्तावेज, विभागीय योजनाओं, शिकायत और समाधान से जुड़ी सेवाएं एक ही नंबर पर उपलब्ध होंगी।हेल्पलाइन सेंटर का उद्घाटन रविवार को पटना के दानापुर स्थित सीएससी कार्यालय में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने किया है। राज्य के पहले हेल्पलाइन सेंटर का उद्घाटन करते हुए मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि यह सेंटर 3 जून से आम लोगों के लिए शुरू हो जाएगा और सोमवार से शनिवार तक सुबह साढ़े 9 बजे से शाम 6 बजे तक सेवा देगा।
इस कॉल सेंटर की स्थापना का उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के नागरिकों तक राजस्व व भूमि संबंधी जानकारी पहुंचाना और उनकी शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना है।उन्होंने कहा कि अब लोगों को दफ्तरों का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के डिजिटल मिशन को जमीनी स्तर पर सफल बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
इस मौके पर मौजूद विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राजस्व व भूमि सुधार जैसे विषय आम लोगों के लिए जटिल होते हैं, लेकिन प्रशिक्षित कॉल एजेंट की मदद से यह हेल्पलाइन आम नागरिकों के लिए सहज बनाएगा।बहुत दिनों से इस कॉल सेंटर की जरूरत महसूस हो रही थी, जब तक योजनाओं की जानकारी अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंचेगी, वे प्रभावी नहीं बनेंगी
उन्होंने कहा कि सीएससी नेटवर्क की पहुंच हर पंचायत तक है और यह हेल्पलाइन एक सूचना केंद्र से कहीं अधिक नागरिक अधिकारों और डिजिटल जागरूकता का मंच बनेगा।इस हेल्पलाइन सेंटर पर जमीन संबंधी कई प्रमुख सेवाएं लोगों को उपलब्ध होगीं।इनमे प्रमुख रूप से भूमि संबंधी दस्तावेज, दाखिल-खारिज, जमाबंदी, म्यूटेशन जैसे विषयों पर जानकारी मिलेगी।
इस कॉल सेंटर से विभागीय योजनाओं की जानकारी और नागरिकों को जागरूक करने के लिए दिशा निर्देश मिलेगा।शिकायत पंजीकरण और समाधान में सहायता होगी। आपके किए गए आवेदन के स्थिति की जानकारी मिलेगी।विभाग का मुख्य उद्देश्य है कि ग्रामीण नागरिकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से जोड़ कर उनकी समस्या का निदान करना।