हरियाणा, महाराष्ट्र व जम्मू कश्यूमीर में इस वर्ष होने वाले विधान सभा के चुनाव के साथ ही झारखंड विधानसभा चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग एक्टिव हो चुका है।इसकी तैयारी और समीक्षा को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की 6 सदस्यीय टीम बुधवार और गुरुवार को पतरातु के लेक रिजॉर्ट में समीक्षा बैठक कर रहा है।बैठक दो सत्र में चल रहा है। पहले सत्र की बैठक 10 जुलाई के देर रात तक चली थी,जिसमें चार राज्यों के चुनाव एक साथ कराने को लेकर संकेत मिले हैं।अगर ऐसा हुआ तो झारखंड में समय से पहले अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हो सकता है।इस बैठक में केंद्रीय निर्वाचन आयोग के साथ-साथ झारखंड निर्वाचन आयोग के अधिकारी भी शामिल हुए।
गुरुवार 11 जुलाई को दूसरे सत्र की बैठक सुबह 8:30 से शुरू हुई है। इस समीक्षा बैठक में झारखंड के सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त शामिल हुए हैं।इसमें विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाता सूची के प्रकाशन पुनरीक्षण समेत सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा हो रही है।
दो दिनों की बैठक के बाद ही झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीख की अंतिम रूपरेखा तय होगी।बैठक में भारत निर्वाचन आयोग के वरीय उप-निर्वाचन आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा और नीतेश व्यास प्रधान सचिव अरविंद आनंद झारखंड निर्वाचन आयोग के सीईओ के रवि कुमार शामिल हैं। भारत निर्वाचन आयोग की टीम के सदस्य जिला निर्वाचित पदाधिकारियों से उनके जिलों में चल रहे चुनाव की तैयारियों की जानकारी ले रहे हैं। साथ ही, उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश भी दें रहे हैं।
झारखंड सरकार का कार्यकाल जनवरी तक है। इससे पहले चुनाव की प्रक्रिया खत्म कर सरकार का गठन कर लिया जाना है।इस साल तीन अन्य राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र व जम्मू कश्मीर में भी चुनाव होने हैं।ऐसे में चारों राज्यों का चुनाव एक साथ कराने की तैयारी की जा रही है।झारखंड में 2014 और 2019 में हुए विधानसभा चुनाव पांच-पांच चरण में हुए थे. लेकिन इस साल भारत निर्वाचन आयोग झारखंड में दो से तीन चरणों में चुनाव संपन्न कराने की तैयारी में है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग की टीम शांतिपूर्ण संपन्न हुए लोकसभा चुनाव को आधार मानकर कार्यवाही कर सकती है।