नई दिल्ली:दुनिया में फुटबाल को घर-घर पहुंचाकर जुनून में बदलने वाले महान एडसन अरांतेसे डू नेसिमेंटो उर्फ पेले आखिर कैंसर से जंग हार गये। साओ पाउलो के एल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। पेले 82 वर्ष के थे। कहा जाता है कि कोई भी खिलाड़ी खेल से बड़ा नहीं होता है लेकिन दुनिया ने ड्रिब्लिंग कौशल और तेजी के इस जादूगर को फुटबाल जैसे खेल के समकक्ष रखा। फुटबाल और पेले दोनों एक दूसरे के पर्याय बन गये थे।
Brazillian footballer Pele, only player to win three FIFA World Cup titles, dies at 82 after battle with cancer
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— ANI Digital (@ani_digital) December 29, 2022
पेले की एक झलक पाने के लिए रुक गया था दो देशों के बीच युद्ध
पेले जहां भी जाते थे दुनिया ठहर जाती थी। उनकी एक झलक पाने के लिए दो देशों के बीच छिड़ा युद्ध तक रुक गया था,तभी तो उन्हें द किंग और ब्लैक पर्ल जैसे नामों की उपाधि मिली। फुटबाल का जो जुनून दुनियाभर में देखने को मिलता है उसके सही मायनों में जनक पेले ही थे।1958 में ब्राजील को 17 साल की उम्र में चैंपियन बनाने के बाद से ही फुटबाल को उसको पहला हीरो मिला।
वर्ष 2000 में पेले को फीफा के प्लेयर ऑफ द सेंचुरी से नवाजा गया
पेले ने 21 साल के करियर में 1,363 मैचों में 1,281 गोल करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है, जिसमें ब्राजील के लिए 92 मैचों में किए 77 गोल शामिल हैं। 1958, 1962 और 1970 में तीन बार विश्व कप जीतने वाले, पेले को वर्ष 2000 में फीफा के प्लेयर ऑफ द सेंचुरी खिताब से नवाजा गया।
पहली बार बाउरू एथलेटिक क्लब जूनियर्स के लिए खेले पेले
पेले सबसे पहली बार बाउरू एथलेटिक क्लब जूनियर्स के लिए खेले। यहां उनके कोच बाल्देमार डि ब्रिटो थे। ब्रिटो ने पेले को 1956 में ब्राजील के सबसे मशहूर क्लब सांतोस लेकर गये। वहां उन्होंने क्लब के निर्देशकों से कहा कि यह लड़का दुनिया का महानतम फुटबालर बनेगा।
पेले को अनुबंधित करने को उतावले हो उठे दुनिया के प्रसिद्ध फुटबाल क्लब
1958 में विश्वकप में चमत्कारिक प्रदर्शन के बाद दुनिया के नामी क्लब रियल मैड्रिड,जुवेट्स, वेलेर्सिया, इंटरमिलान,मैनचेस्टर यूनाइटेड जैसे क्लब पेले को अनुबंधित करने को उतावले हो उठे। इंटर मिलान तो पेले के साथ वार्षिक अनुबंध करने में सफल भी हो गया था। लेकिन ब्राजील और सांतोस के प्रशंसकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। सांसतोस नके निर्देशक ने प्रदर्शनों का हवाला देकर इंटर से अनुरोध किया कि इस अनुबंध को नहीं करें। इसके बाद अनुबंध के कागज फाड़कर फेंक दिये गये।
ब्राजील के लिए आज भी सबसे युवा गोल स्कोरर
पेले ने सात जुलाई 1957 को अर्जेंटीना के खिलाफ ब्राजील के लिए अपना पहला अंतराष्ट्रीय मैच खेला था। इसमें ब्राजील को 2—1 से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन पेले ने गोल किया। 16 साल की उम्र में पेले ने यह गोल किया था। यह ब्राजील के लिए अंतराष्ट्रीय मैच में सबसे कम उम्र में किया गया गोल था। ब्राजील के लिए सबसे युवा स्कोरर का यह रिकार्ड आज भी पेले के नाम दर्ज है।
चाय की दुकान पर भी की नौकरी
पेले का बचपन गरीबी में बीता। बाउरू शहम में उन्होंने एक चाय की दुकान पर चाय बेचने की नौकरी की। उनके पिता ने उन्हें फुटबाल सिखाई, लेकिन उनके पास फुटबाल लेने के पैसे भी नहीं थे। वह मोजे में अखबार भरकर और उस पर रबड़ चढ़ाकर उसे फुटबाल बनाकर खेलते थे या फिर वह ग्रेपफूट से फुटबाल खेलते थे।