न्यूज डेस्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडानी ग्रुप पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले से देश की स्थिति और छवि प्रभावित नहीं हुई है। आरबीआई इस मसले पर अपना स्पष्टीकरण पहले ही जारी कर चुका है। एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। यह पहली बार नहीं है कि एफपीओ वापस लिए गए हों, इससे पहले भी कई बार एफपीओ वापस लिए गए हैं।
#WATCH |”…FPOs come&get out. Fluctuations are in every market. Fact that we’ve had 8 Billion come(Foreign Exchange Reserve)in last few days proves that perception about India&its strength is intact,” FM on India’s position in global financial market in wake of(Adani)FPO pullout pic.twitter.com/MaEFE6DBX7
— ANI (@ANI) February 4, 2023
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारे देश में पहली बार एफपीओ वापस नहीं लिया गया है। इससे पहले भी कई बार एफपीओ वापस लिए गए हैं। आपलोग बताएं कि इससे कितनी बार भारत की छवि खराब हुई है और कितनी बार एफपीओ वापस नहीं आए हैं?
FPO pullout will have no impact on perception about India: Nirmala Sitharaman on Adani stock row
Read @ANI Story | https://t.co/DyCuOr3QZY#Adani #fpo #NirmalaSitharaman #India pic.twitter.com/42Le81FDDX
— ANI Digital (@ani_digital) February 4, 2023
उन्होंने कहा कि बाजारों को सही स्थिति में विनियमित करने के लिए सेबी प्राधिकरण है। उसके पास इस सही स्थिति को बनाए रखने के साधन हैं। वित्त मंत्री ने अपने शुक्रवार के बयान का हवाला देते हुए कहा कि आरबीआई पहले ही बता चुका है कि बैंक क्षेत्र मजबूत और स्थिर है। अमेरिकी ‘शॉर्ट सेलर’ और वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने करीब 10 दिन पहले अडानी समूह के खिलाफ कंपनी संचालन के मोर्चे पर गड़बड़ी के कई आरोप लगाए थे।
अहमदाबाद स्थित अडानी समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और इसे भारत पर सुनियोजित हमला करार दिया है। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में गिरावट के कारण इसके एफपीओ को पूरा अभिदान मिलने के बावजूद रद्द कर दिया गया।
गौरतलब है कि अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के बोर्ड ने पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए 20,000 करोड़ के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को वापस ले लिया था। कंपनी ने इसके साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया था। जिन लोगों ने अब तक एफपीओ को सब्सक्राइब किया है, उनके पैसे वापस लौटा दिए जाएंगे। अभूतपूर्व स्थिति और मौजूदा बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए कंपनी का लक्ष्य एफपीओ आय वापस करके और पूर्ण किए गए लेनदेन को वापस लेकर अपने निवेश समुदाय के हितों की रक्षा करना है।