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चुनावी खेल : ईवीएम पर उठते सवाल के बीच आरवीएम की तैयारी !

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अखिलेश अखिल
पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा चर्चा चुनाव आयोग और ईवीएम मशीन को लेकर ही हुई है। चुनाव आयोग पर सत्ता के साथ खड़ा होने का आरोप लगता रहा है तो ईवीएम मशीन पर खेल करने का आरोप। जब भी बीजेपी की जीत होती है ईवीएम सवाल के घेरे में आती है। उसमे फीड किये गए डाटा पर विपक्ष हमेशा सन्देश जताता रहा है। कई विपक्षी दलों ने बार बार इस मशीन से चुनाव न कराने का आग्रह करते रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग और सरकार को इस मशीन की प्रमाणिकता पर कोई शक नहीं। अभी हाल में ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।

लेकिन बेपरवाह चुनाव आयोग अब ईवीएम से भी आगे की कहानी सामने लाने को तैयार है। अपने राज्यों से बाहर काम और मजदूरी कर रहे वोटरों को मतदान से जोड़ने के लिए आरवीएम की तैयारी सरकार कर रही है। चुनाव आयोग का तर्क है कि करीब 30 करोड़ जनता बाहर रहने की वजह से मतदान में हिस्सा नहीं ले पाते ऐसे में आरवीएम यानी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक मशीन के जरिए जनता को वोट डालने की सुविधा प्रदान करने के लिए इस सिस्टम को लाया जा रहा है। हर राज्य में इस सिस्टम के केंद्र बनेंगे जहां कोई भी मतदाता जाकर अपने राज्य के लिए वोट डाल सकता है। सुनने में तो यह काफी आकर्षक लगता है लेकिन विपक्ष इसमें खेल की सम्भावना से भी डरा हुआ है। विपक्ष पहले ही ईवीएम से परेशान था ,अब आरवीएम की कहानी उसके लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं।

आयोग ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में वोटर टर्नआउट 67.4% था। 30 करोड़ से ज्यादा वोटर मत नहीं दे सके थे। आयोग की चिंता है कि वोटर अपने स्थान से बाहर रहने की वजह से वोट नहीं डाल पाते। आयोग काफी लम्बे समय से अधिक से अधिक वोटरों को मताधिकार से जोड़ने के लिए कवायद कर रहा था। आयोग को लगता है कि आरवीएम के जरिये देश के भीतर प्रवासी लोगों को इस मशीन से जोड़ा जा सकता है और इससे मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा। लोकतंत्र में अधिक से अधिक लोग मतदान से जुड़े इसकी चाहत सबको को होती है लेकिन विपक्ष अब ऐसे मशीन से डर रहा है।

उधर ,आज ही चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रोटोटाइप दिखाएगा। पोल पैनल ने आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों और 57 मान्यता प्राप्त राज्य के दलों को सोमवार को आरवीएम के डेमोस्टट्रेशन के लिए बुलाया है।

उधर, कांग्रेस समेत कई दल आयोग के इस खेल के खिलाफ हैं। रविवार को रिमोट वोटिंग मशीन पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक की अध्यक्षता दिग्विजय सिंह ने की। इस दौरान शामिल हुए जेडीयू, शिवसेना, नेशनल कांफ्रेंस, माकपा, झामुमो, राजद, पीडीपी, वीसीके, आरयूएमएल, राकांपा और सपा समेत 16 दल शामिल हुए। इन सभी ने आरवीएम प्रपोजल का विरोध किया। दिग्विजय ने कहा, “आरवीएम का सिस्टम अभी भी बहुत अधूरा है। इसमें भारी राजनीतिक विसंगतियां और समस्याएं हैं। प्रवासी श्रमिकों की परिभाषा और प्रवासी श्रमिकों की संख्या स्पष्ट नहीं है। हम आरवीएम का समर्थन नहीं करते हैं।”

अब आज की बैठक में कांग्रेस समेत कई दल शामिल होते हैं या नहीं इसे देखना होगा लेकिन जिस तरह से आयोग इस आरवीएम को लेकर तैयारी कर रही है विपक्ष बहुत कुछ क्या कर पाती है इसे देखना है। संभव है कि विपक्ष इस मशीन की पूरी वैज्ञानिक सत्यता के बाद ही सहमति प्रदान करे।

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