विकास कुमार
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे के भूख हड़ताल के खत्म होने के बाद शिंदे सरकार एक्शन में आ गई है। सीएम एकनाथ शिंदे ने सभी जिला कलेक्टरों की एक बैठक ली है। इस बैठक में मराठा आरक्षण के लिए नियुक्त शिंदे समिति के कामकाज की भी समीक्षा की गई। इसके साथ-साथ जिला कलेक्टरों को भी सरकार से निर्देश मिला है। महाराष्ट्र में कुनबी जाति प्रमाणपत्र वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सीएम शिंदे ने ये बैठक बुलाई।
मनोज जरांगे ने जब अपना अनशन वापस लिया तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनका धन्यवाद किया। एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह मराठा समुदाय को कानून के दायरे में रहकर आरक्षण देंगे। जरांगे ने सरकार को दो महीने का समय दिया है,उन्होंने चेतावनी दी है कि अब दिया गया समय आखिरी है और अब बिल्कुल भी समय नहीं दिया जाएगा। वहीं मनोज जरांगे पाटिल ने राज्य भर में क्रमिक भूख हड़ताल जारी रखने की बात कही है। इसलिए हम देख सकते हैं कि राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैठक में कुनबी रिकार्ड निरीक्षण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर को कुनबी रिकॉर्ड खोजने में तेजी लाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण की प्रगति की प्रगति रिपोर्ट प्रति सप्ताह वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। साथ ही विभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी कार्यालयों में अलग-अलग कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्य नियंत्रण के लिए मंत्रालय स्तर पर अपर मुख्य सचिव दर्जा प्राप्त अधिकारी की नियुक्ति की गई है। वहीं सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षता में समिति का विस्तार अब राज्य भर में किया गया है। साफ है कि शिंदे सरकार मराठा समाज की नाराजगी दूर करने की पूरी कोशिश कर रही है।