रांची (बीरेंद्र कुमार): झारखंड की राजनीति व शासन-व्यवस्था के इतिहास में 17 नवंबर, गुरुवार का दिन एक अहम कड़ी के रूप में जुड़ गया। इस दिन ईडी के दोबारा भेजे समन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के समक्ष हाजिर हुए। इडी ने मुख्यमंत्री से नौ घंटे 40 मिनट तक पूछताछ की।
यूपीए विधायक दिन भर डटे रहे मुख्यमंत्री आवास पर
इधर, यूपीए के मंत्री, विधायक व नेता मुख्यमंत्री आवास के सामने डटे रहे और केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर भड़ास निकलते रहे। हेमंत सोरेन के गिरफ्तारी की नौबत आने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बनेंगे या मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन इस बात की भी दिनभर चर्चा होते रही।लेकिन अब इस पर विराम लग गया है, क्योंकि फिलहाल ईडी ने मुख्यमंत्री से सिर्फ सवाल पूछ कर ही इन्हें छोड़ दिया है,और वहां गिरफ्तारी जैसी कोई बात नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
ईडी के पूछे प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पंकज मिश्रा के यहां से बरामद हस्ताक्षरयुक्त चेक के बारे में कहा कि ये चेक पंकज मिश्रा को 2019 के विधानसभा चुनाव के वक्त के वक्त दिया गया था ,क्योंकि पंकज मिश्रा इनके विधायक प्रतिनिधि हैं। वहीं पंकज मिश्रा के अवैध खनन से जुड़े मामले के बारे में उन्होंने कुछ भी जानकारी नहीं होने की बात कही। प्रेम प्रकाश के बारे में ईडी द्वारा पूछे गए प्रश्न को लेकर उन्होंने कहा कि वे प्रेम प्रकाश को नहीं जानते हैं। इसके अलाव और कई प्रश्नों का जबाव देने के लिए समय मांग लिया।
पंकज मिश्रा और प्रेम प्रकाश कौन है?
पंकज मिश्रा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि हैं। ये इस समय खनन घोटाले से जुड़े मामले में हिरासत में हैं। हिरासत में रहते हुए इनके द्वारा साक्ष्य को प्रभावित करने के लिए मुख्यमंत्री का नाम लेकर फोन पर अधिकारियों को धमकाने जैसी घटना को लेकर ये खासे चर्चित हुए हैं। प्रेमप्रकाश इसलिए चर्चा में बने हुए हैं क्योंकि पंकज मिश्रा से जुड़े मामले मैं संदिग्धों के खोज के क्रम में ईडी को दो गोलियां मिली थी जो मुख्यमंत्री के आवास के गार्डों के थे।
