न्यूज डेस्क
झारखंड में मतदान से एक दिन पहले मंगलवार को ईडी ने ताबड़तोड़ छापामारी की है। ईडी ने यह छापामारी बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है। झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल में भी ईडी ने रेड की है। जानकारी के मुताबिक ईडी ने दोनों राज्यों के 17 ठिकानों पर धावा बोला है। वहीं, इस दौरान एक प्रतिष्ठिति होटल स्काईलाइन और रिसोर्ट बाली में भी छापेमारी की गई है। इसके अलावा आश्वी डायग्नोसिस पर भी ईडी ने शिकंजा कसा है।
जानकारी के मुताबिक ईडी ने बांग्लादेशी महिलाओं की घुसपैठ के एक मामले में पीएमएलए के तहत सितंबर में केस दर्ज किया था। यह छापेमारी उसी केस के सिलसिले में हो रही है। रांची के बरियातू थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने केस दर्ज किया था। तब बांग्लादेशी लड़कियां एक रिसोर्ट से पकड़ी गई थीं।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही झारखंड चुनाव के दौरान प्रचार कर रहे अमित शाह ने फिर बांग्लादेशी घुसपैठियों की प्रदेश में मौजूदगी का मुद्दा उठाया था। आज एक दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में जमकर एक्शन लिया। बांग्लादेशी घुसपैठियों और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड और पश्चिम बंगाल में कुल 17 लोकेशन पर ईडी ने ऑपरेशन चलाया है। झारखंड में होने वाले पहले चरण के मतदान के ठीक एक दिन पहले यह कार्रवाई की गई है।
उल्लेखननीय है कि केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि संथाल परगना सहित झारखंड के कई इलाकों में आदिवासी आबादी पर प्रभाव पड़ा है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को बड़े पैमाने पर गिफ्ट डीड के जरिए जमीन दी जा रही है। मुसलमान आदिवासी महिलाओं से शादी कर जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। इसके बाद हाई कोर्ट ने कहा था कि मामले में तथ्यों की पड़ताल के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कमेटी के लिए अधिकारियों का नाम भी मांगा था।
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी झारखंड में साफ कर दिया कि हम एक ऐसा कानून लाएंगे कि अगर कोई मुस्लिम आदिवासी से शादी करता है तो भी उसे जमीन नहीं दी जाएगी। अमित शाह ने कहा कि अगर भाजपा की सरकार बनी तो हम घुसपैठ को पूरी तरह से खत्म कर देंगे।
आपको बता दें झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार खत्म हो गया है। पहले चरण में कुल 43 सीटों पर कल 13 नवंबर को मतदान होना है। इन सीटों में 6 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जबकि 17 सीटें सामान्य श्रेणी की हैं। इस चरण में 683 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें कई बड़े नेता और मंत्री शामिल हैं। बता दें कि इन 43 सीटों के लिए कुल 15,344 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इस बार कुल 1 करोड़ 37 लाख 10 हजार 717 मतदाता वोट डालेंगे, जिनमें 68 लाख 73 हजार 455 पुरुष, 68 लाख 36 हजार 959 महिलाएं और 303 थर्ड जेंडर शामिल हैं।