अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने बयान में कहा है कि एक विशालकाय ऐस्टरॉइड की चपेट में आने से हमारी धरती बाल बाल बची है। नासा की हालिया खोज के मुताबिक, 2025 QD8 नाम का ऐस्टरॉइड, बुधवार यानी 3 सितंबर को धरती के काफी करीब से गुजरा रहा था। वैज्ञानिकों ने इस दुर्लभ नजारे को देखने की बात कही है। नासा ने कहा है कि ये ऐस्टरॉइड चंद्रमा से भी करीब से गुजरा रहा था। हालांकि इस वजह से धरती पर कोई खतरा महसूस नहीं किया गया है। नासा ने कहा है कि यह ऐस्टरॉइड पृथ्वी से करीब 135,500 मील यानि 218,000 किलोमीटर की दूरी से गुजरा हो।
रिपोर्ट के मुताबिक ये ऐस्टरॉइड करीब 22 मीटर चौड़ा था, जिसकी रफ्तार करीब 45,000 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई है। ये ऐस्टरॉइड तीन सितंबर की सुबह 11 बजे (ET) के आसपास धरती के पास से गुजरा। नासा ने अब पुष्टि कर दी है कि यह पिंड किसी तरह का खतरा नहीं था, लेकिन इसकी नजदीकी ने वैज्ञानिकों को अध्ययन का बेहतरीन अवसर दिया। ऐस्टरॉइड 2025 QD8 को पृथ्वी के “नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट” की श्रेणी में रखा गया है, यानी वह अंतरिक्ष पिंड जो धरती की कक्षा के बेहद करीब आता है।
नासा के स्मॉल-बॉडी डेटाबेस के मुताबिक 140 मीटर से छोटे ऐस्टरॉइड शायद ही कभी धरती के लिए वैश्विक स्तर पर खतरा बनते हैं। फिर भी इनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखना वैज्ञानिकों की प्राथमिकता है। यही वजह है कि नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज और प्लानेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेशन ऑफिस लगातार ऐसे ऑब्जक्ट को मॉनिटर करते रहते हैं, और भविष्य में किसी संभावित ख़तरे की भविष्यवाणी करते हैं। नासा ने इस दुर्लभ दृश्य को यूट्यूब पर लाइव-स्ट्रीम भी किया था, जिससे दुनिया भर के लोग अपने घर बैठे इस खगोलीय नजारे के गवाह बने।
आपको बता दें कि इससे पहले हाल ही में एक और छोटा ऐस्टरॉइड 2025 QV5, जो करीब 11 मीटर का था, वो भी धरती से करीब 8 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरा था। ऐसे छोटे-छोटे ऑब्जेक्ट्स के अध्ययन से वैज्ञानिक धरती की सुरक्षा प्रणाली और ऑर्बिटल भविष्यवाणियों को और बेहतर बनाते हैं। अब नासा का कहना है कि आने वाले 100 सालों तक कोई भी ज्ञात ऐस्टरॉइड धरती से टकराने का गंभीर खतरा नहीं है। फिर भी नासा की टीम लगातार ऐस्टरॉइड पर नजर रखेगी।
