न्यूज़ डेस्क
जम्मू कश्मीर में धारा 370 के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर शीर्ष अदालत में लगातार सुनवाई चल रही है। करीब दो हफ्ते से यह सुनवाई चल रही है। इसी बीच आज गुरूवार को केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को साफ़ तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार भी जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र बहाल करने को तैयार है लेकिन जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा उसके लिए अभी कोई समय सीमा तय नहीं है। लेकिन इतना साफ़ है कि जम्मू कश्मीर में जो अभी स्थिति है वह अस्थाई है और उसे बदला जायेगा।
केंद्र का कहना है कि इसे पूर्ण राज्य बनाने के लिए विकास हो रहा है। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए केंद्र सरकार तैयार है। यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने कहा कि मतदाता लिस्ट भी करीब करीब तैयार की जा चुकी है। जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा कब बहाल होगा? इस सवाल पर केंद्र सरकार ने कहा कि इसमें अभी व्यक्त लग सकता है।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वह कब जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देगी। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा और इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला स्थाई है।
तुषार मेहता ने यह जानकारी दी है कि लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में बहाल करने के मुद्दे पर वह खुद केंद्र सरकार से बात करेंगे। बता दें कि 2019 से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है और यहां पर तब से विधानसभा के चुनाव भी नहीं हुए है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी भी की थी कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली महत्वपूर्ण है।
केंद्र सरकार ने कहा कि पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रणाली शुरू की गई है। पंचायतों के लिए पहले चुनाव होंगे। जिला विकास परिषद के चुनाव पहले ही हो चुके हैं और लेह में भी चुनाव हो चुके हैं। करगिल पहाड़ी विकास परिषद-चुनाव इस महीने के अंत तक होंगे। इसके बाद नगर पालिका के चुनाव होंगे और फिर विधान सभा के चुनाव होते हैं।
केंद्र सरकार ने बृस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में 97.2 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा कब दिया जाएगा? इस बारे में अभी सटीक जानकारी नहीं दे सकते। इसमें अभी वक़्त लग सकता है। केंद्र सरकार ने कहा कि जहां तक कानून और व्यवस्था की बात है तो पत्थरबाज़ी आदि घटनाओं में 97.2 प्रतिशत की कमी आई है और सुरक्षाकर्मियों की मौत में 65.9 प्रतिशत की कमी हुई है। आंकड़े इस उद्देश्य से प्रासंगिक हैं कि कब चुनाव कराए जाएं।
जानिए जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा ?
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