न्यूज़ डेस्क
हैदराबाद के कांग्रेस वर्किंग कमेटी के प्रस्ताव में जहां महिला आरक्षण बिल पास कराने की मांग की गई है वही आज शाम को सर्वदलीय बैठक में भी विपक्ष के अधिकतर नेताओं ने महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग की है। आज की यह सर्वदलीय बैठक कल से शुरु हो रहे संसद के विशेष सत्र की शुरुआत को लेकर की गई थी।
इस दौरान बीजू जनता दल और भारत राष्ट्र समिति समेत कई क्षेत्रीय दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश करने पर जोर दिया। सर्वदलीय बैठक में शामिल होने संसद भवन परिसर पहुंचे कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी सर्वदलीय बैठक के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक संघर्ष और मणिपुर की स्थिति जैसे मुद्दे उठाएगी।
आज की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा में सदन के उपनेता एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्यसभा में सदन के नेता और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) नेता एच.डी. देवेगौड़ा, द्रमुक सांसद कनिमोझी, तेदेपा के राम मोहन नायडू, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजद के सस्मित पात्रा, बीआरएस नेता के. केशव राव, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी. विजयसाई रेड्डी, राजद के मनोज झा, जदयू के अनिल हेगड़े और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने बैठक में हिस्सा लिया।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने विशेष संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग की।सर्वदलीय बैठक के बाद भाजपा सहयोगी और राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हम सरकार से इस संसद सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की अपील करते हैं। 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर संसद नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगी।
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया था कि पांच दिवसीय विशेष सत्र से एक दिन पहले 17 सितंबर को सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई गई है। विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा।
पिछले महीने संपन्न हुआ संसद का मानसून सत्र पुराने संसद भवन में आयोजित किया गया था। विशेष सत्र में संसद की 75 साल की यात्रा पर चर्चा होगी, जिसकी शुरुआत संविधान सभा से होगी, जिसकी पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को हुई थी। संसदीय बुलेटिन में कहा गया कि पांच बैठकों के लंबे विशेष सत्र के पहले दिन संसद में ‘संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा – उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख’ पर चर्चा होगी।