न्यूज़ डेस्क
विपक्ष द्वारा संसद में लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज से चर्चा होने जा रही है। सत्ता पक्ष इस प्रस्ताव को लेकर पूरी तरह से तैयार वही है विपक्ष सरकार को घेरने को भी तैयार है। यह अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर लाया गया है। विपक्ष काफी पहले से मणिपुर ममले को लेकर संसद में पीएम मोदी से जवाब मांग रहा था लेकिन पीएम मोदी संसद नहीं आये और चर्चा नहीं हुई। इसके बाद विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लिया ताकि कानून के मुताबिक प्रधानमंत्री अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने आएंगे।
आज राहुल गाँधी भी संसद में बोल सकते हैं। उनके पास कई सवाल हैं। मणिपुर मामले को लेकर राहुल गाँधी भी बहस चाहते हैं। वे खुद भी मणिपुर जाकर हालत को देख चुके हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि राहुल गाँधी ऐसे कई सवाल रख सकते हैं जिससे सरकार की परेशानी बढ़ सकती है।
मोदी सरनेम से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में अपनी सदस्यता गंवाने के बाद यह पहला मौका होगा जब राहुल लोकसभा में बोल रहे होंगे। इसी साल फरवरी में उनको अपनी सदस्यता तब गंवानी पड़ी थी जब गुजरात की एक ट्रायल कोर्ट ने मोदी सरनेम आपराधिक मानहानि मामले में उनको दो सालों की अधिकतम सजा सुनाई थी। हाल ही में उनको सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।
लोकसभा में सरकार के खिलाफ लाये गए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार से बहस शुरू हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि मंगलवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में बहस की अगुआई राहुल गांधी कर सकते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे देश के लोगों खासकर वायनाड संसदीय क्षेत्र की जनता को राहत मिली है। खरगे ने ट्वीट करके कहा कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है. यह (कदम) भारत के लोगों और विशेषकर वायनाड की जनता के लिए राहत लेकर आया है।
लोकसभा की समिति ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभवत: गुरुवार को अपना जवाब देंगे। विपक्षी दल मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर संसद में प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं।