भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स, हेडिंग्ले में खेला जाएगा।हेडिंग्ले को आमतौर पर इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज की शुरुआत के बजाय तीसरा या बाद का टेस्ट मैच होस्ट करने का मौका मिलता है, लेकिन इस बार यह पहला टेस्ट मैच आयोजित कर रहा है।इस अहम मुकाबले के लिए पिच काफी अहम रहने वाली है।फरवरी के बाद से लीड्स में बारिश नहीं हुई है, जिससे ग्राउंड स्टाफ के लिए पिच की तैयारी कुछ अलग तरह की रही है।यॉर्कशायर के हेड ग्राउंड्समैन रिचर्ड रॉबिंसन के मुताबिक, इस बार की चुनौती पिच में नमी बनाए रखने की रही है
पिच की हरियाली फिलहाल तो मैदान से अलग दिख ही नहीं रही है, लेकिन मैच से पहले उसे अच्छी तरह से काटा और रोल किया जाएगा।रॉबिंसन ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि पिच की कठोरता संतोषजनक है और इससे गेंद को अच्छा और सच्चा उछाल मिलेगा।यही ब्रेंडन मैकुलम की कोचिंग में इंग्लैंड की अपेक्षा भी रही है।उनके अनुसार, वे बस एक सच्ची सतह चाहते हैं ताकि बल्लेबाज लाइन के जरिए शॉट खेल सकें।
रॉबिंसन ने आगे बताया कि मैच की सुबह तक घास को 8 मिमी तक काटा जाएगा, जो हेडिंग्ले में टेस्ट मैचों के लिए सामान्य है। रॉबिन्सन का मानना है कि पिच का वास्तविक आकलन टेस्ट के दिन सुबह ही किया जाना चाहिए।वे उम्मीद कर रहे हैं कि पहले दिन पिच थोड़ी मददगार रहेगी लेकिन गर्मी के कारण जल्दी सपाट भी हो सकती है। मौसम विभाग ने टेस्ट के दौरान तापमान 30 डिग्री तक पहुंचने की संभावना जताई है, लेकिन इससे पिच पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।यदि पिच पहले दिन थोड़ी मददगार रहती है और उसके बाद सपाट हो जाती है, तो टॉस जीतकर गेंदबाजी करना फायदे का सौदा हो सकता है।
मैकुलम के कोचिंग कार्यकाल में यह चलन रहा है कि इंग्लैंड में खेले गए 22 टेस्ट में से 16 बार टीमों ने पहले गेंदबाजी चुनी है, जिनमें से 9 मैच जीते और 6 हारे। पहले बल्लेबाजी चुनने वाली सभी 6 टीमों को हार का सामना करना पड़ा है।मैकुलम युग में इंग्लैंड ने हेडिंग्ले में दोनों टेस्ट मैच जीते हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ 296 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 251 रन का लक्ष्य सफलतापूर्वक चेस किया। उस एशेज टेस्ट के दौरान ही रॉबिन्सन ने हेड ग्राउंड्समैन की भूमिका में डेब्यू किया था।इन दोनों मैचों में स्कोर 224 से 360 के बीच रहे।रॉबिन्सन उम्मीद करते हैं कि इस बार भी कुछ वैसा ही संतुलित मुकाबला होगा, हालांकि इस मैच में कुछ ज्यादा रन बनने की संभावना है।
पिच की प्रकृति न केवल इंग्लैंड की आक्रामक ‘बैजबॉल’ रणनीति को समर्थन देगी, बल्कि अनुभवहीन भारतीय बल्लेबाजों को भी टिककर खेलने और मैच में बने रहने का बेहतर अवसर दे सकती है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद अब भारतीय टीम की कमान शुभमन गिल के हाथों में है और इस युवा टीम में लोकेश राहुल सबसे अनुभवी बल्लेबाज होंगे।हालांकि उन्हें एसईएनए (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में अपने औसत प्रदर्शन को लेकर खुद को साबित करना होगा।
यशस्वी जायसवाल भी इस दौरे पर पहली बार सीनियर टीम के साथ इंग्लैंड पहुंचे हैं, जबकि करुण नायर 2017 के बाद पहली बार टेस्ट टीम में वापसी कर रहे हैं।भारतीय टीम सोमवार को लीड्स पहुंची, वहीं इंग्लैंड ने पहले ही हेडिंग्ले में अभ्यास सत्र किया, उस दौरान पिच को अधिक सूखने से बचाने के लिए ढका गया था।भारत ने हाल के वर्षों में हेडिंग्ले में ज्यादा मैच नहीं खेले हैं। 2021 में उन्हें यहां पारी से हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले भारत ने यहां 2002 में मैच खेला था, जिसमें से उन्होंने इंग्लैंड को पारी और 46 रन से हराया था, जो इस मैदान पर भारत की सबसे यादगार जीतों में से एक रही है।