न्यूज़ डेस्क
बिहार और बंगाल में जो कुछ भी हो रहा है उसे देश देख रहा है। बंगाल में ममता बनर्जी भले ही इंडिया गठबंधन में रहने का दावा जरूर कर रही है लेकिन उसके साफ़ कर दिया है कि वह बंगाल की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सीटों का किसी के साथ कोई बंटवारा नहीं होगा। चुनाव के बाद जो होगा उसे देखा जायेगा।
इधर बिहार में जो हो रहा है उसे भी देश देख रहा है। कहा जा रहा है कि जल्द ही बिहार से नीतीश की सर्कार ख़त्म हो जाएगी। नीतीश बीजेपी के साथ जायेंगे और बीजेपी के साथ मिलकर आगे का चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि नीतीश ने ही इंडिया गठबंधन की नीव रखी थी और अब वे बीजेपी के साथ जा रहे हैं।
लेकिन इंडिया गठबंधन में मची रस्साकशी के बीच उत्तर प्रदेश से राहत भरी ख़बर आई है। यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है। यूपी में कांग्रेस ग्यारह सीटों पर चुनाव लडे़गी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बात का एलान किया है। अखिलेश यादव ने इसे गठबंधन की सौहार्दपूर्ण शुरुआत बताया और दावा किया है। उनकी पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे का एलान किया है। सपा अध्यक्ष ने लिखा, ‘कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा. ‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी। ‘
उत्तर प्रदेश में सपा ने कांग्रेस को 11 सीटें देने का एलान किया है. इनमें से दो सीट तो रायबरेली और अमेठी मानी ही जा रही है। इसके अलावा नौ अन्य सीटें कौन सी दी गई है, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। ख़बरों के मुताबिक़ कांग्रेस पश्चिमी यूपी की चार सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इनमें से एक सीट अमरोहा की हो सकती है, जहां कुंवर दानिश अली सांसद है। उन्हें पिछले महीने दिसंबर में ही बसपा से निष्कासित किया गया है।
पश्चिमी यूपी के अलावा पूर्वांचल और बुंदेलखंड में भी कांग्रेस को सीटें दी जा सकती है। सपा अध्यक्ष ने पहले ही कह दिया था कि वो इस महीने के आख़िर तक सीटों पर फ़ैसला ले लेंगे और अब सपा की ओर से इसका एलान भी हो गया है। हालांकि कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। 2019 के चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ एक रायबरेली सीट पर ही जीत हासिल हुई थी. राहुल गांधी अमेठी में भी चुनाव हार गए थे।