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संसद में महिला आरक्षण बिल के पेश होने के बाद बीजेपी जहां देश भर में इसे प्रचारित कर रही है वही कांग्रेस ने सरकार के इस चाल की कलई खोल दी है। कांग्रेस ने इसे महिलाओं के साथ एक धोखा और जुमला से ज्यादा कुछ नहीं माना है। पार्टी सांसद जयराम रमेश ने इस महिला आरक्षण बिल को ईवीएम इवेंट मैनेजमेंट करार दिया है।
बता दें कि लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश कर दिया गया है। इसे कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने पेश किया।कल बुधवार को इस बिल पर चर्चा होगी। इस बिल के पेश होने के बाद देश की महिलाओं में हर्ष का माहौल है। देश की कई महिला नेताओं ने इस बिल को लेकर प्रतिक्रिया भी दी है। लेकिन अब कांग्रेस ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ”यह विधेयक सबसे बड़े चुनावी ‘जुमलों’ में से एक है। करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ”चुनावी जुमलों के इस मौसम में, यह उन सभी जुमलों में सबसे बड़ा है। करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा।” राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ”जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं की है, जिससे भारत जी20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना करने में विफल रहा है।
अब इस बिल में कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद आयोजित होने वाली पहली दशकीय जनगणना के बाद ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा। यह जनगणना कब होगी?”जयराम रमेश ने कहा कि विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा। क्या 2024 चुनाव से पहले होगी जनगणना और परिसीमन? मूल रूप से यह विधेयक अपने कार्यान्वयन की तारीख के बहुत अस्पष्ट वादे के साथ आज सुर्खियों में है। यह कुछ और नहीं बल्कि ईवीएम-इवेंट मैनेजमेंट है।