ट्ठी लिखकर कहा की नौकरशाही और हमारे सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा देने वाले आदेशों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार की सभी एजेंसियां, संस्थान हथियार, सेना और विभाग अब मोदी सरकार के अधिकारी के तौर पर प्रचारक बन गए हैं।
पत्र के जरिए ध्यानाकर्षण
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि भारत सरकार के संयुक्त सचिव ,निदेशक और उपसचिव जैसे उच्च रैंक के अधिकारियों को बताने के लिए देश के सभी 765 जिलों में रथ प्रभारी के रूप में तैनात किया जाना है। यह कई कारणों से चिंता का विषय है।
केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण )1964 का उल्लंघन
खड़गे ने आरोप लगाया कि यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 का स्पष्ट उल्लंघन है, जो निर्देश देता है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा। सरकारी अधिकारियों के लिए जानकारी का प्रसार करना स्वीकार्य है।लेकिन उन्हें जश्न मनाने और उपलब्धियां का प्रदर्शन करने के लिए सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक कार्यकर्ताओं में बदल दिया जाता है। यह तथ्य की केवल 9 साल की उपलब्धियां पर विचार किया जा रहा है। ऐसा दिखता है की पांच राज्यों के चुनाव और 2024 के आम चुनाव के लिए यह एक गुप्त राजनीतिक व्यवस्था है। कांग्रेस अध्यक्ष का कि अगर सरकार की मार्केटिंग गतिविधियों के लिए विभागों के सीनियर अधिकारियों की प्रतिनिधि की जाती है तो हमारे देश का शासन अगले 6 महीने तक रुक जाएगा।
सैनिकों को सैनिक राजदूत न बनाया जाए
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रक्षा मंत्रालय के 9 अक्टूबर 2023 के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सैनिकों को वार्षिक छुट्टी पर सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने में समय बिठाने का निर्देश दिया गया था। उन्हें सैनिक राजदूत बनाया गया था ।सेना प्रशिक्षण कमान जिसे राष्ट्र की रक्षा के लिए हमारे जवानों को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ,वह वह सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए स्क्रिप्ट और प्रशिक्षण नियमावली तैयार करने में व्यस्त हैं।
सशस्त्र बलों को राजनीति से बाहर रखा जाए
पीएम मोदी को लिखी अपनी चिट्ठी में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है की सशस्त्र बलों को राजनीति से बाहर रखा जाए। प्रत्येक जवान की निष्ठा राष्ट्र और संविधान के प्रति है। हमारे सैनिकों को सरकारी योजनाओं की मार्केटिंग एजेंट बनने के लिए मजबूर करना सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण की दिशा में एक खतरनाक कदम है।
इसके अलावा हमारे राष्ट्र की कई महीनों या वर्षों की कठिन सेवा के बाद हमारे जवान अपने वार्षिक अवकाश पर पूर्ण स्वतंत्रता के हकदार है।अपने परिवारों के साथ समय बिताने और निरंतर सेवा के लिए ऊर्जा बहाल करने की जगह राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनकी छुट्टी का अपहरण नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी से अपील किया है कि सिविल सेवको और सैनिकों इन दोनों सरकारी तंत्रों का विशेष रूप से चुनाव से पहले के महीना में राजनीति से बाहर रखा जाए।
इन आदेशों को वापस लिया जाए
विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि ईडी विभाग और सीबीआई पहले से ही बीजेपी के चुनाव विभागों के रूप में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ऊपर लिखे आदेशों के जरिए पूरे सरकारी तंत्र को सत्तारूढ़ दल के एजेंट के रूप में काम कराने की चाल है।उन्होंने पीएम मोदी से मांग की है कि हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान की रक्षा को देखते हुए यह अनिवार्य है कि इन आदेशों को तुरंत वापस लिया जाए।