आरएसएस की संगठनात्मक क्षमता के ऊपर सोशल मीडिया पर सकारात्मक पोस्ट लिखने के बाद दिग्विजय सिंह अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं। उनके बयान पर कई नेता समर्थन कर रहे हैं, तो कई नेता उनका विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर ने दिग्विजय सिंह के आरएसएस की संगठन वाले बयान की आलोचना की है।यहां तक कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना आतंकी संगठन अलकायदा से भी कर दी। मणिकम ने इसे ‘फेमस सेल्फ गोल’ करार दिया है।
मणिकम टैगोर ने कहा, ‘RSS एक ऐसा संगठन है जो नफरत पर बना है।यह नफरत फैलाता है। नफरत से सीखने के लिए कुछ नहीं है।क्या आप अल-कायदा से कुछ सीख सकते हैं? अल-कायदा नफरत का संगठन है।यह दूसरों से नफरत करता है। उस संगठन से सीखने के लिए क्या है?’
दिग्विजय सिंह ने 1990 के दशक की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर गुजरात में एक कार्यक्रम में वरिष्ठ बीजेपी नेता एलके आडवाणी के पास जमीन पर बैठे दिख रहे हैं।इस फोटो के साथ उन्होंने लिखा कि जो लोग कभी जमीनी स्तर पर काम करते थे, वे संगठनात्मक पदानुक्रम में ऊपर उठकर मुख्यमंत्री और आखिरकार प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
इस पोस्ट में दिग्विजय सिंह ने इसे संगठन की शक्ति बताया। उन्होंने पोस्ट में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, जयराम रमेश, पीएम मोदी और कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को टैग भी किया।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा,कि मुझे यह तस्वीर Quora साइट पर मिली। यह बहुत प्रभावशाली है।RSS के जमीनी स्वयंसेवक और जनसंघ @BJP4India के कार्यकर्ता किस तरह नेताओं के पैरों के पास जमीन पर बैठकर राज्य के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री बन गए? यह संगठन की ताकत है। जय सिया राम।@INCIndia @INCMP @kharge @RahulGandhi @priyankagandhi @Jairam_Ramesh @narendramodi.’
दिग्विजय सिंह की इस पोस्ट पर बवाल मचा हुआ है।जहां बीजेपी उनकी इस पोस्ट के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी को घेर रही है, वहीं कांग्रेस के नेता दो धड़ों में बंटे हुए हैं।इस पर मणिकम टैगोर ने कहा कि कांग्रेस जैसे संगठन से सीखना चाहिए।इस संगठन ने लोगों को एक साथ लाया।महात्मा गांधी ने कांग्रेस पार्टी को एक जन आंदोलन में बदल दिया।क्या संगठन को नफरत फैलाने वाले संगठनों से सीखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पूरी तरह से लोगों के साथ हैं।सरकार की मनमानी के खिलाफ लोगों के लिए लड़ रहे हैं।हमें उनका समर्थन करना चाहिए।ऐसा बयान राहुल जी के संघर्ष में मदद नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि गोडसे के संगठन से नफरत के अलावा कुछ भी सीखने को नहीं है।140 साल की कांग्रेस अभी भी युवा है।नफरत से लड़ती है।
बयान पर विवाद बढ़ने के बाद दिग्विजय सिंह ने सफाई भी दी उन्होंने कहा कि आरएसएस की उन्होंने संगठनात्मक संरचना की तारीफ की थी, न कि उसकी विचारधारा की. वह आरएसएस और पीएम मोदी के विरोधी बने हुए हैं।
BJP ने दिग्विजय के बयान पर भी चुटकी ली।पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा कि इन टिप्पणियों ने कांग्रेस नेतृत्व के तानाशाही और अलोकतांत्रिक काम को उजागर कर दिया है। क्या राहुल गांधी हिम्मत दिखाएंगे।क्या दिग्विजय सिंह के ट्वीट द्वारा गिराए गए चौंकाने वाले सच के बम पर प्रतिक्रिया देंगे।इसने पूरी तरह से उजागर कर दिया है कि कांग्रेस का पहला परिवार किस तरह से पार्टी को तानाशाही तरीके से चलाता है।यह कांग्रेस नेतृत्व कितना तानाशाही और आलोकतांत्रिक है?.
