vबिहार में एक बार फिर से जाति की राजनीति चरम पर पहुंच गई है। अब दो क्षेत्रीय दल के दिगग्ज नेता जीतन राम मांझी और लालू प्रसाद आपस में भिड़ गए हैं। दोनों एक दूसरे की जाति को उटकने में लग गए हैं।केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मीडिया को संबोधित करते हुए लालू यादव पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्हें यादव नहीं बल्कि गडरिया जाति का बता दिया लाल यादव ने भी इस पर पटवार करते हुए मीडिया से बातचीत में पूछा कि जीतन राम मुसहर है क्या? दरअसल इस विवाद की शुरुआत तेजस्वी यादव के उस बयान के बाद से हुआ जिसमें उन्होंने जीतन राम मांझी को आरएसएस और बीजेपी की पाठशाला से पास स्टूडेंट बताया। तेजस्वी यादव ने जीतन राम मांझी की जाति को लेकर कहा था कि वह मांझी नहीं बल्कि शर्मा है। इसके जवाब में जीतन राम मांझी ने लालू को गडरिया जाति का बताया था।
जीतन राम मांझी पर कटाक्ष करते हुए तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा था कि मांझी जी मुख्यमंत्री भी रहे हैं, अभी केंद्रीय मंत्री भी हैं। केंद्रीय मंत्री का दर्जा मुख्यमंत्री के समान ही होता है।जो भी बात उन्होंने कही है,उसको तथ्यों से पूछ लेना- देना नहीं है। मांझी जी और उनका बेटा आरएसएस स्कूल से पढ़े-लिखे लोग हैं, इसलिए वह लोग सच नहीं जानना चाहते हैं। जो आरएसएस के लोगों ने थमा दिया, केवल वहीं पढ़े हैं ।सच से का कोई वास्ता नहीं है।
तेजस्वी यादव के इस बयान को लेकर जब केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने लालू यादव को लेकर विवादित बयान दे दिया।उन्होंने कहा कि तेजस्वी हमको शर्मा कहते हैं।वह अपने पिताजी के बारे में बताएं कि उनके पिताजी किसके जन्मे हुए हैं ?लालू गडरिया है यादव नहीं।
जीतन राम मांझी ने कहा कि एक बात है कि वे लोग पढ़े लिखे नहीं है ।हम तो पढ़कर आए ही हैं।मेरा बेटा पीएचडी है,नेट क्वालीफाइड है, प्रोफेसर है।उनकी डिग्री क्या है? वह बताएं ,हम भी बीए ऑनर्स किए हैं।दूसरी बात यह कि यदि वह हमको शर्मा कहते हैं ,तो उनके पिताजी किसके जन्मे हुए हैं ? गडरिया के जन्में हुए हैं तो गडरिया है ,यादव नहीं है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के इसी बयान पर लाल यादव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। लालू यादव ने सिर्फ एक लाइन में कह दिया कि वह मुसहर है क्या?