न्यूज़ डेस्क
नीतीश कुमार शनिवार को मुंगेर पहुंचे और वहां राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल निर्माण का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया पैकेज चरण-2 के तहत सदर अस्पताल मुंगेर के परिसर में 7.50 करोड़ रुपये की लागत से 100 शय्यवाले प्री-पॉब फील्ड अस्पताल के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया।
साथ ही सदर अस्पताल परिसर में 2.55 करोड़ रुपये लागत से प्री-फेब मेटेरियल से निर्मित 32 शय्या वाले शिशु गहन चिकित्सा इकाई का शिलापट्ट का अनावरण किया।
सीएम ने कहा कि मुंगेर पौराणिक जगह है। 2005 से जब हमको बिहार में काम करने का मौका मिला, तब से हम लोगों ने विकास के कई काम किए हैं। एक-एक चीज पर ध्यान दिया है।
इसके बाद नीतीश कुमार पूरे रौ में आ गए। बिना किसी के नाम लिए उन्होंने कहा कि केंद्र के दो नेता का ही आजकल प्रचार-प्रसार होता है। हम लोगों ने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की थी लेकिन वे लोग नहीं सुनें। हम लोगों ने बिहार में सभी पार्टियों की सर्वसम्मति से जाति आधारित गणना करायी, एक-एक परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली गई है।
उन्होंने एक बार फिर विशेष राज्य के दर्जे की मांग दोहराते हुए कहा कि हमलोग विशेष राज्य के दर्जे के लिए फिर से अभियान चलाएंगे। वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा कि बिहार सरकार देश को दिशा और दशा दिखाने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “बिहार सरकार ने देश को दिशा और दशा दिखाने का काम किया है। जो देश में नहीं हुआ वे बिहार के मुख्यमंत्री और महागठबंधन की सरकार ने करके दिखाया है…हमारी सरकार के पास खुद की आबादी आकड़ा है कि कौन सा परिवार भूमिहीन है, कौन गरीब है, किस जाति के लोग ठेला ढोने और भीख मांगने का काम करते हैं। मुख्यमंत्री ने एलान किया है पिछड़े, दलित समाज का आरक्षण बढ़ाया जाए। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री का धन्यवाद करता हूं।”