Homeदेशसीएम नीतीश राजभवन से निकले और मुस्कुराते आगे बढ़ गए ,राजनीति हुई गर्म 

सीएम नीतीश राजभवन से निकले और मुस्कुराते आगे बढ़ गए ,राजनीति हुई गर्म 

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न्यूज़ डेस्क 
बिहार में कब क्या होगा यह कोई नहीं जानता। बिहार पर नजर रखने वाले कुछ लोग यह कहते हैं कि नीतीश कुमार पाला बदल सकते हैं तो कुछ लोग कह रहे हैं कि नीतीश कुमार कोई बड़ा राजनीतिक धमाका कर सकते हैं। इस धमाके का सब इन्तजार कर रहे हैं। लेकिन आज जैसे ही नीतीश कुमार राजभवन गए और मुस्कुराते निकल गए। इसके बाद कई तरह की बाते की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंगलवार सुबह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से भेंट हुई थी, लेकिन फिर कुछ ही समय बाद वह राजभवन पहुंच गए।

मुख्यमंत्री के राजभवन जाने पर हर बार की तरह इस बार भी तेजी से चर्चा गरम हो गई। सुबह जब राज्यपाल से मिले थे तो राष्ट्रीय जनता दल के नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव साथ थे। राजभवन में वह उनके साथ नहीं गए। इस कारण चर्चा और तेज हो गई। वैसे, दो दिन पहले राजद कोटे के तीन मंत्रियों के विभागों में बदलाव और अफसरों के एकमुश्त तबादला आदेश को देखते हुए यह मुलाकात सामान्य ही लग रही है। 40 मिनट तक दोनों की बातचीत हुई और फिर नीतीश निकले तो बिना कुछ बोले मुस्कराते हुए सीएम आवास लौट गए।

मुख्यमंत्री ने राजभवन से निकलने के बाद मीडिया से बात नहीं की। राजभवन से कुछ ही दूरी पर मुख्यमंत्री आवास भी है। इस बीच मीडिया का दोनों दरवाजों पर जुटान था, लेकिन सभी ने सीएम का सिर्फ मुस्कराता चेहरा नोटिस किया। इस बीच सरकार में उथल पुथल की अफवाह भी कुछ मीडिया पर नजर आयी, लेकिन फिर मुस्कराहट को देखते हुए ही उसे बदला भी गया। मुख्यमंत्री की मुस्कुराहट संभवत: ऐसी अफवाहों के कारण ही रही होगी, क्योंकि पिछले दिनों उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल कोटे के तीन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल के साथ साफ जता दिया था कि वह अंतिम और सर्वमान्य हैं। सब कुछ उनके हिसाब से ही चल रहा है। कोई उथलपुथल नहीं, यह दिखाने के लिए वह फैसला आया था।

बजट सत्र का समय आ गया है। अगले महीने बिहार विधानमंडल का बजट सत्र होगा। इसके लिए राज्यपाल को न्यौता देना एक जरूरी औपचारिकता है। इसके अलावा, विपक्षी दलों के गठबंधन का विश्वास बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री को कांग्रेस की बहुप्रतीक्षित मांग को भी पूरा करना है। अगर कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी को आश्वासन देने के बावजूद कांग्रेस को बिहार में दो और मंत्रीपद नहीं मिलता है तो लोकसभा सीटों के बंटवारे के दौरान सब कुछ सहजता से होना मुश्किल है। संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस के दो और मंत्री बन सकते हैं। इसके अलावा, राजद के भी दो मंत्री हटे थे। उनकी भी जगह पर नए मंत्रियों का शपथ नहीं हुआ है .   

 दूसरी ओर हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के संतोष सुमन के पद छोड़ने के तत्काल बाद जदयू कोटे से रत्नेश सदा को मंत्रीपद की शपथ दिला दी गई थी। इन दो बातों के अलावा, कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर भी दोनों के बीच बातचीत की संभावना बताई जा रही है।

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