न्यूज डेस्क
चांद पर भारत का चंद्रयान 3 सफलतापूर्ण लैंड कर गया है। चंद्रयान 3 के लैंडर के साउथ पोल पर उतरने के बाद अलग-अलग प्रयोग करने वाला रोवर ‘प्रज्ञान’ भी रैंप के जरिए लैंडर से बाहर निकल गया है। इसकी पहली तस्वीर अब सामने आ गई है। तस्वीर में ‘विक्रम’ लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के कुछ घंटों बाद रोवर को बाहर निकलते हुए दिखाया गया है। चंद्रयान तीन के लैंडिंग के करीब 2.30 घंटे बाद प्रज्ञान बाहर आया। धूल के पूरी तरह से खत्म होने के बाद प्रज्ञान को इसरो ने विक्रम से बाहर निकाला। प्रज्ञान ने चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ दिए हैं।
लैंडर विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अगला काम रोवर प्रज्ञान को बाहर निकालना था। अब असली मिशन शुरू होगा और विक्रम एवं प्रज्ञान मिलकर चांद के दक्षिणी ध्रुव का हालचाल बताएंगे। इसरो के मुताबिक, रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आ गया है और उसने चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ दिए हैं। प्रज्ञान अब 14 दिन तक चांद पर रहकर अध्ययन करेगा और डेटा कलेक्ट करके लैंडर विक्रम को भेजेगा। यहां से सभी जानकारियां धरती पर बैठे इसरो के वैज्ञानिकों को भेजी जाएंगी।
रोवर प्रज्ञान जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वह चांद की धरती पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ता जा रहा है। प्रज्ञान के पहियों पर इसरो और अशोक स्तंभ के निशान बने हैं, तो जैसे-जैसे वह आगे बढ़ेगा चांद की धरती पर ये निशान छोड़ता जाएगा। इसरो ने चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिग से पहले इसकी जानकारी दी थी। इसमें रोवर के एक तरफ के पहियों पर इसरो का निशान है और दूसरी तरफ के पहियों पर अशोक स्तंभ का निशान बना है।
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान काफी धूल उड़ने लगी। वहां गुरुत्वाकर्ष्ण पृथ्वी की तुलना में काफी ज्यादा कम है, जिसकी वजह से पृथ्वी की तरह वहां जल्दी धूल नीचे बैठती नहीं है। इसरो के वैज्ञानिकों ने पहले धूल के बैठने का इंतजार किया और फिर रोवर को नीचे उतारा। अगर उसको लैंडिंग के तुरंत बाद ही उतार दिया जाता तो इसके कैमरों पर धूल जमा हो जाती और रोवर में लगे उपकरणों को भी नुकसान हो सकता था। रोवर को मिशन पूरा करने में समस्या हो सकती थी।
रोवर के बाहर निकलने के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने लैंडर के साथ एक संचार लिंक भी स्थापित कर लिया है, जो अब चंद्रमा की जानकारी जुटा पाएगा। इसरो ने कहा, “चंद्रयान-3 लैंडर और बेंगलुरु स्थित इसरो के संचार केंद्र MOX-ISTRAC के बीच संचार लिंक स्थापित हो गया है।”