Homeटेक्नोलॉजीChandrayaan-3: धरती की आखिरी कक्षा में चंद्रयान-3 की छलांग!, जानें इस मिशन...

Chandrayaan-3: धरती की आखिरी कक्षा में चंद्रयान-3 की छलांग!, जानें इस मिशन से भारत को क्या फायदा मिलेगा

Published on

विकास कुमार
भारत के चंद्रयान 3 मिशन का जिक्र पूरी दुनिया में हो रहा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा भी इसरो के मिशन की तारीफ की है। चंद्रयान-3 फिलहाल पृथ्वी के चक्कर काट रहा है। 25 जुलाई को पांचवें मैनुवर के बाद, ये आखिरी कक्षा में पहुंच गया.। इसरो के मुताबिक चंद्रयान-3 ने पांचवां मैनुवर किया है। धरती की कक्षा में पांचवें मैनुवर को बेंगलुरु के इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क में बैठे वैज्ञानिकों ने अंजाम दिया। अब एक अगस्त की रात को चंद्रयान-3 के पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चांद की ओर रवाना होने की उम्मीद है। फिर यह चांद की कक्षा में पहुंच उसके चक्कर लगाना शुरू करेगा। चांद तक पहुंचने के लिए भी पांच मैनुवर होंगे। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया था। इसके 23 अगस्त तक चंद्रमा की सतह पर लैंड करने की उम्मीद है। धरती के चक्कर लगाता हुआ चंद्रयान-3 चंद्रमा के ऑर्बिट में एंट्री करेगा। चक्कर लगाता हुआ लैंडर मॉड्यूल 23 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा। चंद्रयान तीन मिशन का यही सबसे क्रिटिकल फेज है। इस दौरान इसरो के वैज्ञानिक सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे।

भारत के चंद्रयान मिशन में एक स्वदेशी प्रपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है। इस मिशन के कई स्टेज हैं। चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचना और लैंडर का उपयोग करके चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग करना’ इसका लक्ष्य है। चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए लैंडर से एक रोवर का निकलना और फिर इसका चंद्रमा की सतह पर घूमना शामिल है।

इसरो के चंद्रयान तीन मिसन की कुछ और भी खासियत है, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश भारत बन जाएगा। 23 से 24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। सॉफ्ट लैंडिंग का मतलब है पूरे नियंत्रण के साथ सतह पर सुरक्षित उतारना। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। यह लैंडिंग इसलिए भी खास होगी कि चंद्रमा का ये हिस्सा अब तक इंसान की नजरों से छिपा रहा है। अब तक रूस, अमेरिका और चीन चंद्रमा पर बेशक अपने यान उतार चुके हैं। मगर वह चांद के दूसरे हिस्सों में किया गया था।

चांद का एक दिन भारत के 14 दिनों के बराबर होता है,वहीं इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने दावा किया है कि अगर चंद्रयान-3 सफलता से चंद्रमा पर उतरा तो भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र के कारोबार में हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका मिलेगा। इस समय 60 हजार करोड़ डॉलर के आंके जा रहे इस क्षेत्र में हमारा हिस्सा महज 2 फीसदी है। मिशन चंद्रयान तीन के सफल लैंडिंग से भारत की इस क्षेत्र में हिस्सेदारी बढ़ेगी। साथ ही साइंटिफिक वर्ल्ड में भारत का डंका बजेगा।

Latest articles

ट्रिपल K और D पर नीतीश को भरोसा, JDU की पहली लिस्ट से M गायब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी...

प्रशांत किशोर का बड़ा एलान, बोले- इस बार नहीं लड़ूंगा विधानसभा चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर जन सुराज पार्टी के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत...

फोन पर आ रहे कॉल्स और मैसेज असली हैं या फर्जी? जानिए कैसे करें पहचान और रिपोर्ट

दिनभर में हमारे फोन पर कई कॉल्स और मैसेज आते रहते हैं।  इनमें से...

आप भी रोज लेते हैं शॉवर तो अपने फेफड़ों को बना रहे इंफेक्शन का शिकार

आमतौर पर रोजाना लोग सुबह उठकर शॉवर लेते हैं।सुबह-सुबह शॉवर लेने का मकसद साफ-सुथरा...

More like this

ट्रिपल K और D पर नीतीश को भरोसा, JDU की पहली लिस्ट से M गायब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी...

प्रशांत किशोर का बड़ा एलान, बोले- इस बार नहीं लड़ूंगा विधानसभा चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर जन सुराज पार्टी के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत...

फोन पर आ रहे कॉल्स और मैसेज असली हैं या फर्जी? जानिए कैसे करें पहचान और रिपोर्ट

दिनभर में हमारे फोन पर कई कॉल्स और मैसेज आते रहते हैं।  इनमें से...