अभी कुछ ही दिन बीते हैं, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री और एनडीए के घटक दल जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के समक्ष जातीय जनगणना और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने संबंधी बड़ी मांग रख दी थी।केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अभी इस पर विचार भी नहीं किया था,कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और एनडीए के घटक दल तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू दिल्ली आ धमके और 20 मिनट के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई संक्षिप्त मुलाकात के दौरान बड़ी मांग रख दी। उनकी मांगों में आंध्र प्रदेश के लिए अलग से बजट आवंटित किये जाने के अलावा अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा अपनी परियोजनाओं में आंध्र प्रदेश को प्राथमिकता देने जैसी मांग भी शामिल है।अपनी मांगों को उन्होंने प्रधान मंत्री के समक्ष तो रखा ही, वे खुद भी इसे लेकर कई मंत्रियों से मिल रहे हैं।इस क्रम में इन्होंने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी,कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई मंत्रियों से मुलाकात की ।
केंद्र की एनडीए सरकार में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले चंद्रबाबू नायडू को इस बात का अहसास है कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता।ऐसे में उनकी मांग स्पेशल पैकेज पर आ गई है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पीएम मोदी से आंध्र पर 13 लाख करोड रुपए के बकाए कर्ज का मुद्दा उठाया। नायडू ने कहा कि ऐसी स्थिति पहले की जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान में बनी ,जबकि राज्य में कोई इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार नहीं हुआ है।चंद्रबाबू नायडू ने इस मीटिंग में लंबी डिमांड लिस्ट लगाते हुए कहा कि पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए भी मोदी सरकार रुके हुए फंड को जारी करें ।
उनकी एक बड़ी मांग यह भी है कि अमरावती को राजधानी के तौर पर विकसित करने मे आ रही फंड की कमी की समस्या को देखते हुए पीएम मोदी आंध्र प्रदेश bकी सरकार मदद कर दे तो यह काम तेजी से पूरा हो सकेगा। इसके अलावा राज्य में सड़कों और बंद पड़े सिंचाई परियोजनाओं की तेजी से विकास के लिए उन्होंने अलग से पैकेज की मांग की है।उनका कहना है कि बुंदेलखंड के लिए सरकार ने जिस तरह से अलग फंड की व्यवस्था की है वैसी ही व्यवस्था आंध्र प्रदेश के लिए भी की जाए।