न्यूज़ डेस्क
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव मामले में उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही कहा है वह बैलेट पेपर की जांच स्वयं करेगा।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में उच्चतम न्यायालय ने सख्त फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कहा है कि वह स्वयं बैलेट पेपर्स में छेड़छाड़ की जांच करेगा। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के पार्षदों के दल के बदलने पर भी टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पार्षदों का दलबदलना चिंताजनक है। यह हॉसट्रेडिंग है।
गौरतलब है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मामले में उच्चतम न्यायालय में सुनवाई से पहले देर रात चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही इसी दिन आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने अपनी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इसके साथ ही निगम में बहुमत प्राप्त करने की संख्या भाजपा ने पूरी कर ली।
चंडीगढ़ नगर निगम में बहुमत मे लिए भारतीय जनता पार्टी के पास 14 पार्षद, एक सांसद, एक शिरोमणि अकादली दल का पार्षद था। इसे कारण वह बहुमत में नहीं थे लेकिन चुनाव अधिकारी के द्वारा आठ वोट खराब करने के कारण भाजपा यहां मेयर का चुनाव जीत गई। चुनाव के बाद आम आदमी सरकार उच्चतम न्यायालय चली गई। यहां उच्चतम न्यायालय ने बहुत ही तल्ख रूख अपनाते हुए निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ टिप्पणी की थी।