न्यूज़ डेस्क
आज से संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण के साथ ही शुरू हो जाएगा। दोनों सदनों के संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा। और फिर आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। हालांकि कई दलों ने अभिभाषण का बहिष्कार भी किया है जिनमे केसीआर की पार्टी सबसे आगे है। कल सर्वदलीय बैठक के दौरान कई दलों ने कई तरह के मुद्दों पर चर्चा की। कुछ ने अडानी की जांच की बात की तो किसी ने चीन का मसला उठाया। कांग्रेस ,सपा और बसपा बैठक से दूर रहे।
सत्र के पहले हिस्से में 13 फरवरी तक संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण और आम बजट पर चर्चा होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री अभिभाषण पर होने वाली चर्चा का जवाब देंगे। पहले हिस्से में संसद के दोनों सदनों में कोई विधेयक पेश या पारित नहीं किया जाएगा। विधायी कार्य 13 मार्च से छह अप्रैल तक चलने वाले दूसरे हिस्से के दौरान निपटाए जाएंगे। सत्र के दूसरे हिस्से में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पर होने वाली चर्चा का जवाब देंगी।
माना जा रहा है कि संसद का यह सत्र भी हंगामेदार रह सकता है। सरकार की प्राथमिकता राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वित्त बिल समेत अन्य बिलों को पारित कराने की रहेगी तो विपक्ष विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगा। 13 फरवरी तक चलने वाले बजट सत्र के पहले हिस्से में दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण और आम बजट पर चर्चा होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिभाषण पर होने वाली चर्चा का जवाब देंगे। सरकार की बजटीय अभ्यास से जुड़े चार बिलों समेत करीब 36 बिल पेश करने की योजना है। 6 अप्रैल तक चलने वाले बजट सत्र के दौरान 27 बैठकें होंगी।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट पर देश भर की निगाहें टिकी हैं। चूंकि इसी साल जम्मू-कश्मीर सहित दस राज्यों में विधानसभा और अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में लोगों को बजट से राहत मिलने की उम्मीद है। हमेशा की तरह मध्य वर्ग कर राहत की बाट जोह रहा है। जबकि अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न क्षेत्र भी बजट के जरिए राहत की उम्मीद पाले बैठे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आम बजट के जरिए सरकार चुनावी राज्यों के लिए कई अहम घोषणाएं कर सकती हैं।
लोगों की निगाहें आम बजट से ठीक एक दिन पहले पेश होने वाले आर्थिक सर्वेक्षण पर है। आर्थिक सर्वेक्षण से देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति का पता चलता है। विशेषज्ञ इसी के आधार पर आम बजट के प्रावधानों के संदर्भ में अंदाजा लगाते हैं।`