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बिहार और आंध्रप्रदेश के चक्कर में चुनावी राज्यों को नहीं साध पायी बीजेपी !

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न्यूज़ डेस्क 
इसी साल के अक्टूबर -नवम्बर में हरियाणा और महाराष्ट्र के विधान सभा चुनाव होने हैं लेकिन हालिया बजट में इन राज्यों के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस बजट से इन राज्यों के चुनाव को साधा जा सकता है ?   

बीजेपी के भीतर भी इस बात को लेकर अब मंथन शुरू हो गया है। पार्टी के कई नेता भी कहते नजर आ रहे हैं कि बजट में कई राज्यों के लिए कुछ ख़ास नहीं किया गया है। कम से कम चुनावी राज्यों के लिए बजट में ख़ास इंतजाम करने की जरुरत थी जो संभव नहीं हो पाया। ऐसे में महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में पार्टी का क्या होगा इसको लेकर कई तरह की बातें की जाने लगी है। 

बजट देखने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को खुश रखने की कोशिश की है। आखिर मोदी 3.0 नीतीश और नायडू पर निर्भर जो है। लोकसभा में जेडीयू के 12 सांसद हैं और नायडू के पास 16 हैं। बिहार की ही दो अन्य पार्टियों, चिराग पासवान की एलजेपी  के पांच सांसद हैं और जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ के पास 1 सांसद हैं।

इन्हीं चार पार्टियों के सहारे बीजेपी की गाड़ी 2029 की ओर बढ़ रही है। बजट में भी इन पार्टियों का ध्यान रखने की कोशिश की गई है। उनसे संबंधित राज्यों को पैकेज के साथ एक्सप्रेसवे और पावर प्लांट की सौगात दी गई है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बिहार के लिए किए गए ऐलान पर काफी समय खर्च किया। राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। सच्चाई ये है कि आगामी छह महीनों में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के विधानसभा चुनाव होंगे। लेकिन, केंद्र सरकार ने इनकी परवाह नहीं की है और बिहार-आंध्र को खुश करने की कोशिश की है। बीजेपी की कोशिश है कि एनडीए को एकजुट रखा जाए भले ही उसे उन राज्यों में नुकसान उठाना पड़े जहां वह सत्ता में है।  

मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश होने के बाद ये सवाल होने लगा है कि क्या फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने 2019 की तरह पॉपुलर स्कीम का ऐलान किया होता, लोगों को सीधे पैसे दिए होते तो 2024 लोकसभा चुनाव का नतीजा अलग हो सकता था?

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में बीजेपी तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में हारी थी, उसके बाद सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों के लिए डायरेक्ट इनकम ट्रांसफर स्कीम का ऐलान किया था।

नतीजा ये हुआ कि बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 से भी ज्यादा सीटें मिलीं। 2024 की फरवरी में पेश हुआ अंतरिम बजट मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत के बाद आया था।

जाहिर है कि बीजेपी ने अंतरिम बजट में कोई लोक-लुभावन योजनाओं का ऐलान नहीं किया। 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो पार्टी की सीटें 2019 की 303 से घटकर 2024 में 240 पर पहुंच गईं।

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