पटना (बीरेंद्र कुमार): 3 नवंबर को बिहार में मोकामा और गोपालगंज में हुए उपचुनाव के परिणाम में गोपालगंज का एक सीट बीजेपी के पक्ष में गयी तो मोकामा की दूसरी सीट आरजेडी की जीत के साथ नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री वाले महागतबंधन के पक्ष में। यानि 1- 1 से यह मुकाबला ड्रॉ हो गया। ऐसे में दिसंबर महीने में होने वाली कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव का चुनाव परिणाम ही यह बताएगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार के बिना बीजेपी का क्या हश्र होगा या बीजेपी के बिना नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का। इस कारण बीजेपी और महागठबंधन दोनों ही इस चुनाव को जीतने के लिए एड़ी चोटी एक कर दे रहा है।
क्यों हो रहा है यह उपचुनाव
2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के अनिल साहनी यहां से चुनाव जीते थे। लेकिन इससे पहले उनके सांसद रहने के दौरान फर्जी यात्रा भत्ता के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक मुकदमा चल रहा था। इसमें उन्हें दोषी ठहरा दिया गया जिससे उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई और यह सीट खाली हो गयी।
महागठबंधन का उम्मीदवार तय
कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव को लेकर जब यह तय हो गया कि इस बार महागठबंधन का उम्मीदवार जेडीयू खेमे से होगा तब जेडीयू के अंदर उम्मीदवार को लेकर विचार मंथन हुआ। इसके बाद प्रदेश जनता दल यूनाइटेड मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने घोषणा की कि कुढ़नी विधानसभा सीट पर मनोज कुशवाहा जेडीयू के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने इस बार यह सीट जनता दल यूनाइटेड को दी है। मनोज कुशवाहा विधानसभा सीट से पहले तीन बार विधायक रह चुके हैं।