पटना : बिहार में जहलीरी शराब से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस हादसे में अब तक 81 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में सर्वाधिक 74 मौते अकेले सारण जिले में हुई है। बिहार के अन्य इलाकों में भी जहरीली शराब से मृतकों की संख्या बढ़ रही है। जहरीली शराब पीने से 25 लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी है। इस हादसे में हताहतों की संख्या और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि 30 लोगों का बिहार के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनमें से 12 की हालत गंभीर है।
मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को भेजा नोटिस
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हादसे पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने हादसे का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इस मामले में जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की स्थिति, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों का उपचार और पीड़ित परिवारों को कोई मुआवजा दिया गया हो तो उसका भी विवरण मांगा है। एनएचआरसी ने अप्रैल, 2016 से बिहार में अवैध शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने की अपनी नीति को लागू करने में राज्य सरकार की विफलता को भी चिन्हित किया है।
अब तक 213 लोग गिरफ्तार
इस बीच सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा कि इस संबंध में अब तक 213 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने किया तुरंत सुनवाई से इंकार
बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में छपरा जहरीली शराब कांड में हुईं मौतों के मामले में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें एसआईटी से जांच कराने और पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई थी।
जहरीली शराब पीड़ितों को मुआवजा नहीं देंगे: नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब कांड के पीड़ितों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। नीतीश ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में कहा कि शराब के सेवन को निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब के सेवन से मौत होने पर मुआवजा देना गलत है।