न्यूज डेस्क
सब्जियों, ख़ाद्य पदार्थों और ईधन के सस्ते होने से थोक महंगाई अगस्त में चार महीने के निचले स्तर 1.31 प्रतिशत पर आ गई है। हालांकि, प्याज और आलू की कीमतों में तेजी देखने को मिली। सरकार ने मंगलवार को थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई,जबकि मई में यह 3.43 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी थी। जुलाई में यह 2.04 प्रतिशत और अगस्त 2023 में 0.46 प्रतिशत पर रही थी। इस संबंध में वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज ने बयान में कहा कि अगस्त में थोक सूचकांक में नरमी का कारण खाद्य कीमतों में क्रमिक गिरावट है।
वहीं आलोच्य माह के दौरान खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, कपड़ा विनिर्माण तथा मशीनरी और उपकरण आदि के विनिर्माण की कीमतों में वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार अगस्त में खाद्य वस्तुओं की दर में भी गिरावट दर्ज की गयी। अगस्त में यह 3.11 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.45 प्रतिशत थी। सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। हालांकि आलू और प्याज की महंगाई अगस्त में क्रमश:77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त में खुदरा और थोक मंहगाई आरबीआई के तय दायरों में रही हैं। थोक महंगाई में नरमी का असर आगे खुदरा मुद्रास्फीति पर भी दिखेगा। आरबीआई मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने संकेत दिया है कि यदि आने वाले दिनों में महंगाई काबू में रहती है तो नीतिगत ब्याज दर में कटौती संभव है। इसका फैसला दीर्घकालिक महंगाई दर के आधार पर ही लिया जाएगा। आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक अक्टूबर में होने वाली है। आरबीआई दिसंबर में होन वाली बैठक में कटौती पर फैसला ले सकता है।