प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव दौरे के दौरान दोनों देशों के गहरे संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और सबसे भरोसेमंद मित्र है। उन्होंने कहा कि भारत की “Neighbourhood First” नीति और “महासागर” विजन में मालदीव को विशेष स्थान प्राप्त है.
पीएम मोदी ने कहा कि मालदीव भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और “महासागर” विजन में एक अहम स्थान रखता है। चाहे महामारी का समय हो या आपदा का, भारत ने आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराकर और कोविड के बाद अर्थव्यवस्था को संभालने में मालदीव का साथ दिया।
इस वर्ष भारत-मालदीव के राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ है।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे रिश्ते केवल 60 साल पुराने नहीं, बल्कि इतिहास की गहराइयों से जुड़े हैं।इस अवसर पर दोनों देशों की पारंपरिक नौकाओं पर आधारित डाक टिकट जारी किया गया, जो इस सांस्कृतिक और ऐतिहासिक साझेदारी का प्रतीक है।
भारत द्वारा बनाए गए चार हजार सोशल हाउसिंग यूनिट्स अब कई मालदीववासियों के लिए एक नई शुरुआत बनेंगे।इसके अलावा ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, अद्दू रोड और हनिमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का पुनर्विकास, इस क्षेत्र को आर्थिक और ट्रांजिट केंद्र बनाएगा।
पीएम मोदी ने मालदीव के लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये (565 मिलियन डॉलर) की “लाइन ऑफ क्रेडिट” की घोषणा की, जिससे बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाएं पूरी की जाएंगी।इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में सहयोग को भी उन्होंने भरोसे की मजबूत इमारत बताया।मालदीव रक्षा मंत्रालय की नई बिल्डिंग को उन्होंने आपसी विश्वास का प्रतीक बताया।