मीना कुमारी अपने जमाने की सबसे बेहतरीन अदाकारा में से एक थीं। न सुंदरता में कोई कमी और न अभिनय में। जब बच्चे अपना बचपना जीते थे, उस वक्त मीना कुमारी अपने पूरे परिवार का पेट पालती थीं। उन्होंने महज 6 साल की उम्र में इंडस्ट्री में काम करना शुरू किया था और वह अपने जमाने की सबसे हसीन अदाकारा थीं।
1 अगस्त 1933 को जन्मी मीना कुमारी का करियर जितना शानदार रहा, उनकी निजी जिंदगी उतनी ही बदतर। जब मीना का करियर ऊंचाइयों पर था, तब उन्हें फिल्म डायरेक्टर कमाल अमरोही से इश्क हो गया था।कहा जाता है कि कमाल की तसवीर एक्ट्रेस ने एक न्यूजपेपर में देखा और उसी समय से उन्हें पसंद करने लगी थी। उसके बाद जब दोनों की पहली मुलाकात हुई तो उन्हें प्यार हो गया।कमाल पहले से शादीशुदा थे, लेकिन मीना का प्यार उनके लिए कम नहीं हुआ। जब मीना ने कमाल से शादी की उनकी उम्र सिर्फ 18 साल थी।भागदौड़ भरी जिंदगी में प्यार की इस दस्तक ने मीना को एक नई उम्मीद तो दी थी, लेकिन शादी के बाद यही उनकी तकलीफ बन गई थी।ये शादी नहीं चली और दोनों अलग रहने लगे।मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कमाल को एक्ट्रेस की लोकप्रियता बर्दाशत नहीं हुई और वो उन पर बंदिशें लगाने लगे थे यह सब एक्ट्रेस मीना कुमारी को पसंद नहीं आई और उनका रिश्ता टूट गया। प्यार में आए इस बिखराव से मीना कुमारी बुरी तरह से टूट गई और वह शराब का बहुत ज्यादा सेवन करने लगी। शराब के अंधाधुंध सेवन से मीना कुमारी को लिवर सिरोसिस हो गया ।हालांकि वे उससे बचने के लिए अस्पताल गई थीं लेकिन तब तक बीमारी काफी बढ़ गई थी ।चिकित्सकों की लाख कोशिशों के बावजुद उन्हें बचाया न जा सका।
नरगिस दत्त, जो मीना कुमारी की बहुत अच्छी दोस्त हुआ करती थीं, जिसे मीना अपनी बड़ी बहन मानती थीं और उनकी दोस्ती की दास्तां से हर कोई वाकिफ था, उन्होंने मीना कुमारी की मौत पर जगा था। मीना कुमारी के निधन पर नरगिस दत्त ने कहा था- ‘मौत मुबारक हो मीना! उनके मुंह से इस तरह का बयान सुन हर कोई हक्का-बक्का रह गया था।
लोग ये जानने के लिए बेताब थे कि आखिर नरगिस दत्त ने मीना कुमारी के लिए ऐसा क्यों कहा?इस सवाल का जवाब खुद नरगिस दत्त ने एक खत में दिया था। ‘ये उन दिनों की बात है- उर्दू मेमोरीज ऑफ सिनेमा लीजेंड्स’ किताब में दर्ज नरगिस दत्त के खत में एक ऐसी बात लिखी थी, जिसे जानकर किसी का दिल पसीज जाएगा।
नरगिस और मीना पड़ोसी हुआ करती थीं। नरगिस का कहना था कि शादी के बाद मीना के कमरे से हमेशा चीखने-चिल्लाने की आवाज आया करती थी। मीना को बुरी तरह पीटा जाता था। अपने खत में नरगिस ने आगे लिखा थामैंने एक रात मीना को गार्डन में हांफते हुए देखा। मैंने उनसे कहा कि आप आराम क्यों नहीं करतीं। आप बहुत थकी हुई लग रही हैं, तब उन्होंने कहा था- बाजी, आराम करना मेरी किस्मत में नहीं है। मैं बस एक बार ही आराम करूंगी। इसी रात मैंने मीना कुमारी के कमरे से मारमीट की आवाज भी सुनी थी। अगले दिन मैंने देखा कि उनकी आंखें सूजी हुई थीं।”
मैंने कमाल अमरोही के सेक्रेटरी बकार से पूछा- आखिर वे लोग मीना कुमारी को मारना क्यों चाहते हैं? मीना ने आप लोगों के लिए बहुत कुछ किया, आखिर वह कब तक ये सब करती रहेगी। तब सेक्रेटरी ने कहा- जब सही समय आएगा, हम उन्हें आराम करने देंगे।”
गौरतलब है कि 33 साल के करियर में मीना कुमारी ने साहिब बीबी और गुलाम, पाकीज़ा,दिल अपना और प्रीत पराई,काजल और बैजू बावरा जैसी 90 से ज्यादा फिल्में कीं, जो ज्यादातर हिट रहीं। मीना कुमारी ने 38 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।