विकास कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के एमएलसी राधा चरण सेठ को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। एक जलेबी बनाने वाले दुकानदार से राधाचरण सेठ के अरबपति नेता बनने की कहानी काफी रोचक है। 1971 में आरा रेलवे स्टेशन के बाहर उनके पिता की जलेबी की दुकान थी,जहां राधा चरण साह अपने पिता का हाथ बंटाते थे। इसके बाद उन्होंने होटल खोला और फिर धीरे धीरे काफी पैसा कमाया। आज के समय में राधाचरण सेठ राइस मिल, कोल्ड स्टोरेज के अलावा कई रिसॉर्ट के मालिक हैं, उत्तराखंड और हिमाचल में भी राधाचरण सेठ का होटल का व्यवसाय है।
भोजपुर जिला के लोग कहते हैं कि किस्मत हो तो राधा चरण सेठ जैसा। मिठाई की दुकान चलाते-चलाते राधा चरण सेठ होटल के मालिक बन गए। वह यहीं नहीं रुके,इसके बाद वह जमीन और रियल एस्टेट का कारोबार करने लगे जिसमें उन्हें काफी मुनाफ़ा हुआ। जमीन और रियल एस्टेट के बाद उन्होंने अपनी किस्मत आजमाने के लिए बालू के धंधे में भी हाथ डाला, वहां भी किस्मत ने भी उनका पूरा साथ दिया। उन्होंने बालू के ठेके को बांटना शुरू कर दिया जहां किस्मत ने उनको अगाध संपत्ति का मालिक बना दिया। बालू की ठेकेदारी करते-करते राधा चरण साह की गिनती अब भोजपुर शहर के ख़ास रईसों में की जाने लगी है।
रियल एस्टेट और बालू के कारोबार में बाहुबलियों का ही दबदबा होता है,लेकिन राधा चरण सेठ ने इस परिपाटी को गलत साबित कर दिया था। अपनी मीठी बोली की वजह से राधाचरण सेठ बाहुबलियों पर भी भारी पड़े और इसी का नतीजा था कि बालू के कारोबार में भी वह सबसे आगे रहे। भोजपुर का सोन नदी बालू के लिए मशहूर है,बालू के कारोबार में प्रवेश करते ही बड़े सिंडिकेट में राधाचरण सेठ ने अपनी जगह बना ली। फिर उन्होंने भोजपुर के कोईलवर, बिहटा,पटना, औरंगाबाद और गया के बड़े बड़े बालू माफियाओं के साथ बेहतर संबंध बनाए और धीरे धीरे कर अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया। लेकिन अब सेठ के दिन बदल गए हैं और उनके सितारे गर्दिश में चले गए हैं,शायद अब लंबे समय तक राधाचरण सेठ को जेल में ही काटना पड़ेगा।