नई दिल्ली: ठंड के मौसम में दिल्ली के प्रदूषण को लगाम में रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने अभी से एंटी डस्ट कैंपेन शुरू कर दिया है। दिल्ली में कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी 14 एंटी डस्ट नियमों को लागू करना जरूरी हो गया है। कंस्ट्रक्शन साइटों पर इन नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। एंटी डस्ट अभियान के तहत दिल्ली में 586 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें डीपीसीसी की 33 टीमें शामिल हैं।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत शुरू किया गया अभियान
पर्यावण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अभियान को, प्रदूषण से निपटने के लिये राष्ट्रीय राजधानी में क्रियान्वित ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के तहत शुरू किया गया है।
586 टीमों का किया गया गठन
राय ने कहा, “दिल्ली में धूल रोधी अभियान शुरू हो गया है। 12 सरकारी विभागों व एजेंसियों की कम से कम 586 टीमों का गठन शहर भर में निर्माण स्थलों पर धूल से होने वाले प्रदूषण की जांच के लिये किया गया है। यह अभियान अगले एक महीने यानी छह नवंबर तक जारी रहेगा।”
दिल्ली में आज से ‘एंटी डस्ट कैंपेन’ शुरू।
‘एंटी डस्ट कैंपेन’ के लिए 586 टीमों का गठन किया गया है। यह कैंपेन 6 नवंबर तक जारी रहेगा। pic.twitter.com/ds0Ltcjjql
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) October 6, 2022
निर्माण स्थलों को करनी होगी एंटी-स्मॉग गन की तैनाती
ये दल निर्माण स्थलों का अचानक निरीक्षण करेंगे ताकि यह जांचा जा सके कि वहां प्रदूषण मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि मानकों के मुताबिक, पांच हजार वर्ग मीटर से बड़े निर्माण स्थलों को एंटी-स्मॉग गन की तैनाती करनी होगी जबकि 10 हजार वर्ग मीटर से बड़े स्थलों को दो एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करना होगा।
उन्होंने कहा कि इसी तरह, 20 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा के निर्माण स्थलों पर धूल के प्रदूषण को रोकने के लिये चार एंटी-स्मॉग गन लगानी होगी।