न्यूज़ डेस्क
जेल में बंद रहे पत्रकार सिद्की कप्पन आज रिहा हो गए। कल उनकी रिहाई के लिए श्योरिटी यानी बंध पत्र पेश किया गया था। आज जेल अधिकारी ने कहा कि कप्पन को रिहा कर दिया गया है। एक दिन पहले, लखनऊ की एक विशेष अदालत ने उनके खिलाफ दो मामलों में जमानत मिलने के एक महीने से अधिक समय बाद उनकी रिहाई के आदेश पर हस्ताक्षर किए।
पत्रकार सिद्दीकी कप्पन ने जेल से रिहा होने के बाद कहा कि, मैं 28 महीने बाद जेल से बाहर आया हूं। मुझे सपोर्ट करने के लिए मैं मीडिया का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए। मैं अब बाहर आकर खुश हूं।
दरअसल, कप्पन के बुधवार शाम को जेल से बाहर निकलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया जा सका क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम पर विशेष अदालत के न्यायाधीश बार काउंसिल के चुनाव में व्यस्त थे।
बता दें कि सिद्दीकी कप्पन को अक्टूबर 2020 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) गिरफ्तार किया गया था, जब वह हाथरस में कथित सामूहिक दुष्कर्म और अनुसूचित जाति की 20 वर्षीय महिला की मौत की रिपोर्ट करने के लिए जा रहा था, जिसने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था। पुलिस ने कहा कि वह अशांति पैदा करने के लिए वहां जा रहा था।
आज जब कप्पन जेल से बाहर आ गए हैं उनपर आरोप लगाने वाली शक्तियां और सरकार मौन हो गई है। कोई भी कोई जबाब नहीं दे रहा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि मौजूदा बीजेपी सरकार अपने खिलाफ बोलने वालो के साथ कैसा वयवहार करती रही है। माना जा रहा है कि आगामी चुनाव में कप्पन की रिहाई एक बड़ा चुनावी मुदा विपक्ष बनाएगा और बीजेपी की नीति को जनता के सामने रखेगें।