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बीजेपी नेता जयंत सिन्हा आखिर राजनीति से सन्यास ले ही लिए। जयंत बीजेपी के बड़े नेता रहे। वे वित्तमंत्री भी रहे। जयंत सिन्हा यशवंत सिन्हा के बेटे हैं। यशवंत सिन्हा भी बीजेपी के टॉप नेताओं में शुमार रहे और देश के वित्त मंत्री भी रहे। लेकिन मोदी विरोध की वजह से यशवंत सिन्हा मोदी के निशाने पर रहे और यही वजह है कि मौजूदा बीजेपी ने भी जयंत सिन्हा को हाशिये पर रख दिया।
बता दें कि भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने शनिवार को पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से अनुरोध किया कि उन्हें सीधे चुनावी कर्तव्यों से मुक्त कर दिया जाए। हजारीबाग से भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने सक्रिय राजनीति छोड़ने का एलान किया है। उन्होंन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट डालकर इस बार चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की
सिन्हा ने हजारीबाग से भाजपा के उम्मीदवार घोषित करने से कुछ घंटे पहले ही यह पोस्ट किया। उधर, देर शाम भाजपा ने जब झारखंड के 11 प्रत्याशियों का ऐलान किया तो उसमें हजारीबाग से सिन्हा का नाम नहीं था। बता दें कि सिन्हा प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। 2019 में भी उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन मोदी कैबिनेट में जगह नहीं बना पाए थे।
भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने X पर लिखा कि मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है। इससे मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। बेशक, मैं आर्थिक और शासन के मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा। इसके अलावा मुझे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री की ओर से प्रदान किए गए कई अवसरों का भी आशीर्वाद मिला है। उन सभी के प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता। जय हिंद!