Homeदेशऔर बिहार में जारी रहेगा जातिगत जनगणना .....

और बिहार में जारी रहेगा जातिगत जनगणना …..

Published on

अखिलेश अखिल
500 करोड़ की लागत से बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातिगत जनगणना का काम अनवरत जारी रहेगा। अब इस पर कोई चुनौती मिलने की संभावना नहीं रह गई है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जारी जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से ही इंकार कर दिया और याचिका कर्ता को कहा कि यह सब लोकप्रियता हासिल करने के ख्याल से किया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा याचिकाकर्ता इस मामले में संबंधित अदालत में जाए और उचित कानूनी कदम भी उठा सकते है। कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार की जातिगत जनगणना के रास्ते अब और आसान हो गए है।

सुप्रीम अदालत ने कहा कि या सब लोकप्रियता हासिल करने के इरादे से दाखिल याचिका है। पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा कि तो यह लोकप्रियता हासिल करने के इरादे से दाखिल याचिका है। हम कैसे यह निर्देश जारी कर सकते हैं कि किस जाति को कितना आरक्षण दिया जाना चाहिए। माफ कीजिए, हम ऐसे निर्देश जारी नहीं कर सकते और इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर सकते।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें से एक याचिका एक गैर-सरकारी संगठन ने दाखिल की थी। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। गौरतलब है कि एक याचिकाकर्ता ने मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने का अनुरोध किया था, जिस पर 11 जनवरी को शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस मामले पर सुनवाई 20 जनवरी को करेगी।

एक याचिका बिहार निवासी अखिलेश कुमार ने याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि जातीय जनगणना का नोटिफिकेशन मूल भावना के खिलाफ है और यह संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है। याचिका में जातीय जनगणना की अधिसूचना को खारिज करने की मांग की गई थी। इसके अलावा हिंदू सेना नामक संगठन ने भी जातीय जनगणना की अधिसूचना पर रोक की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि जातिगत जनगणना कराकर बिहार सरकार देश की एकता और अखंडता को तोड़ना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बीते 6 जून को जातीय जनगणना की अधिसूचना जारी कर दी थी। वहीं, सात जनवरी से जाति आधारित सर्वे शुरू हो चुका है। राज्य सरकार ने इस सर्वे को कराने की जिम्मेदारी जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को सौंपी गई है। इसके तहत सरकार मोबाइल फोन एप के जरिए हर परिवार का डाटा डिजिटली इकट्ठा कर रही है। यह जातीय सर्वे दो चरणों में होगा। पहला चरण सात जनवरी से शुरू होगा। इस सर्वे में परिवार के लोगों के नाम, उनकी जाति, जन्मस्थान और परिवार के सदस्यों की संख्या से जुड़े सवाल होंगे। साथ ही इस सर्वे में लोगों की आर्थिक स्थिति और आय से जुड़े सवाल भी पूछे जाएंगे।

सर्वे पर करीब 500 करोड़ रुपए बिहार सरकार खर्च कर रही है और जातीय सर्वे के दूसरे चरण की शुरुआत एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक होगी। इस दौरान लोगों की जाति, उनकी उपजाति और धर्म से जुड़े आंकड़े जुटाए जाएंगे।

बता दें कि नीतीश कुमार पहले ही इन याचिकाओं के बारे में कह चुके थे कि यह सब बीजेपी का प्रायोजित खेल है और उसके इशारे पर यह सब किया जा रहा है जबकि कोर्ट में इस पर कोई फैसला नहीं होगा ।बीजेपी नही चाहती कि बिहार में जातिगत जनगणना हो क्योंकि की उसकी राजनीति का पर्दाफाश हो जायेगा।

Latest articles

विधानसभा चुनाव के लिए EC ने नियुक्त किए आब्जर्वर,470 अफसर रखेंगे पार्टियों पर नजर

चुनाव आयोग (ईसीआई) ने रविवार को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और देश भर में...

 तमिलनाडु भगदड़ में मृतकों की संख्या बढ़कर 40 हुई,पीएम ने मुआवजे की घोषणा की

तमिलनाडु के करूर में टीवीके प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली के दौरान मची...

अब बच्चों का आधार कार्ड घर बैठे बनवाएं, जानें ऑनलाइन आवेदन की पूरी प्रक्रिया

भारत में आधार कार्ड पहचान और पते का सबसे अहम दस्तावेज बन चुका है।अब...

मर्दों में लंबे समय से बना हुआ है कमर दर्द, कैंसर हो सकता है

कमर दर्द आजकल एक आम समस्या बन चुकी है।ऑफिस में घंटों बैठना, गलत तरीके...

More like this

विधानसभा चुनाव के लिए EC ने नियुक्त किए आब्जर्वर,470 अफसर रखेंगे पार्टियों पर नजर

चुनाव आयोग (ईसीआई) ने रविवार को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और देश भर में...

 तमिलनाडु भगदड़ में मृतकों की संख्या बढ़कर 40 हुई,पीएम ने मुआवजे की घोषणा की

तमिलनाडु के करूर में टीवीके प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली के दौरान मची...

अब बच्चों का आधार कार्ड घर बैठे बनवाएं, जानें ऑनलाइन आवेदन की पूरी प्रक्रिया

भारत में आधार कार्ड पहचान और पते का सबसे अहम दस्तावेज बन चुका है।अब...